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निर्भया की मां को कोई कर रहा गुम’राह,दो’षियों को सजा दिलाने में हमने कोई देरी नहीं की:केजरीवाल

निर्भ’या के दोषि’यों को फां’सी देने में हो रही देरी पर दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप नेता अरविंद केजरीवाल ने बयान दिया है। उन्होंने मीडिया से किए गए बातचीत के दौरान कहा कि दिल्ली सरकार के अ’धीन आने वाली सभी कामों को कुछ ही घंटे में पूरा कर लिया गया है। हमने इस पूरे मामले में किसी भी काम में देरी नहीं की है। हम चाहते हैं कि दोषि’यों को जल्द से जल्द फां’सी की सजा दी जाए। साथ ही उन्होंने कहा कि निर्भ’या की मां को कोई गुम’राह कर रहा है।

जानकारी के लिए आपको बता दें, हाल ही में नि’र्भया के माता-पिता ने टाइम्स नाउ से किए गए बातचीत के दौरान कहा था कि बेटी को न्या’य मिलने में हो रही देरी की वजह का जिम्मे’दार आम आदमी की सरकार है। सुप्रीम कोर्ट से रिव्यू पिटी’शन खारि’ज होने के बाद बाकी का काम राज्य सरकार का होता है। वह जे’ल प्रशासन को नोटि’स देकर 1 हफ्ते में दोषि’यों की दया याचि’का दाखिल करने को कहें, हालांकि इस मामले में दिल्ली सरकार चु’प बैठी है। इसके अलावा दिल्ली सरकार ने वकील भेज कर दोषि’यों को मदद की।

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जानकारी के लिए आपको बता दें,निर्भ’या के’स में दो’षी मुकेश की दया याचि’का को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने खा’रिज कर दिया है। ऐसे में अब उसे फां’सी की सजा दिए जाने का रास्ता सा’फ हो चुका है। सू’त्रों के मुताबिक यह खबर सामने आ रही है कि दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने मुकेश की दया याचिका खारि’ज करने की सिफा’रिश गृह मंत्रालय को भेजी थी। इसके बाद राष्ट्रपति दया याचिका का फैसला लेने में ज्यादा समय नहीं लगाते हुए याचि’का को खा’रिज कर दिया।

जानकारी के लिए आपको बता दें, इसके पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने भी बीते बुधवार को मुकेश की दया याचि’का को खा’रिज कर दिया था। न्यायाधीश मनमोहन और संगीता ढींगरा सहगल की अध्यक्षता वाली अदालत की एक खंड’पीठ ने याचिकाकर्ता मुकेश के वकील से ट्रायल कोर्ट का दरवाजा खटख’टाने को कहा। इसके साथ हाल ही में हुए घटनाक्रम से अवगत कराने की बात भी कहीं।

भले ही मुकेश की दया याचिका को खारि’ज कर दिया गया, लेकिन अभी तीन और दो’षियों के पास राष्ट्रपति समा’धान मांगने का विकल्प बचा हुआ है। बता दें, जे’ल नियमों के मुताबिक, अगर किसी एक केस में एक से ज्यादा दो’षियों को फां’सी की सजा मिली हो तो उस स्थिति में सभी आरोपियों की सारी कानूनी उपचार जब समा’प्त हो जाते हैं तो उसके बाद ही फां’सी की सजा दी जाती है।