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बजट भाषण के दौरान आखिर ऐसा क्या हुआ सीतारमण को बीच में ही ख’त्म करना पड़ा अपना भाषण

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जब बजट पर अपना भाषण दे रही थी तो उन्हें बीच में अचा’नक अपने भाषा को रोक’ना पड़ा। दरअसल लोकसभा में अपने 160 मिनट के रिकॉर्ड संबोधन के दौरान वे अस्व’स्थ हो गई। करीब ढाई घंटे से ऊपर बोलने के बाद जब अचा’नक निर्मला सीतारमण रु’क गई तो उस समय बाकी लोग पूछेंगे, आखिर क्या हो गया। इस दौरान सीतारमण ने पानी पिया, हालांकि बाद में वहीं पास बैठे राजनाध सिंह ने पूछा क्या आप ठीक है।

इस पर निर्माण सीतारमण ने जवाब देते हुए कहा कि, यस आई एम फाइन और उन्होंने स्पीकर से कहा बस बजट भाषण के 2 पन्ने और बचे है, लेकिन जैसे ही वो फिर से बोलना शुरू की तो कुछ देर बाद निर्मला सीतारमण फिर से रु’क गई और अपने चश्मे को उतार दिया। उन्हें बोलने में बेहद ज्यादा ताकत लग रही थी और शब्द नहीं निकल रहे थे। तभी उनकी साथी हरसिमरत कौर उनके पैस आयी और उन्हें बैठ जाने को कहा, लेकिन वित्त मंत्री बैठी नहीं। उन्होंने चश्मा फिर से पहना और फिर से बजट भाषण पढ़ना शुरू कर दिया।

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इस समय सबको लगा कि वह ठीक है, लेकिन सब ठीक नहीं था क्योंकि वित्त मंत्री ने स्पीकर से अनुमति मांगते हुए बजट भाषण ख’त्म करने के लिए कहा। ऐसे में सबको लगा कि यही ठीक होगा। 2 घंटे 40 मिनट के बजट भाषण पढ़ना सीतारमण के लिए आसान नहीं था और उन्हें अस्व’स्थ होने की वजह से बीच में ही अपने भाषण छोड़ना पड़ा।

आपको बता दें, किसानों के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा था कि हमारी सरकार की ओर से किसानों के लिए कई बड़ी योजनाओं को लागू किया गया है। इसके साथ ही हमारी सरकार का लक्ष्य किसानों की आय दोगुना करना है। इसके लिए किसानों के लिए बाजार खोलने की जरूरत है, ताकि उनकी आय बढ़ सके। यहीं वजह है कि हमारी सरकार किसानों के लिए 16 सूत्रीय फॉर्मूले का ऐलान करती है, जिससे किसानों को फायदा पहुंचाएगा। अब दूध, मां’स, मछली समेत ख’राब होने वाली योजनाओं के लिए किसान रेल भी चलाई जाएगी।

इसके अलावा जीएसटी देश का सबसे क्रांतिकारी सुधार है. जीएसटी की वजह से लोगों को हर महीने चार प्रतिशत की बचत होती है।1 अप्रैल से जीएसटी का नया फार्म उपलब्ध होगा।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि मोदी जीत के नेतृत्व में हम जोश के साथ देश की सेवा कर रहे हैं। इसके साथ ही देश को हमारी आर्थिक नीति पर पूरा भरोसा है। ये बजट इच्छा और आंकाक्षाओं को पूरा करने का बजट है।