समझ से परे रहा द्रविड़-रोहित के ये तीन फैसले, टीम इंडिया का टूटा वर्ल्ड कप जीतने का सपना

भारत को आज इंग्लैंड के खिलाफ शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा। जहां टीम ने 24 गेंद शेष रहते 10 विकेट से ये मैच अपने नाम किया। ऐसे में समझ से परे रहा द्रविड़-रोहित के तीन फैसले, टीम इंडिया का टूटा वर्ल्ड कप जीतने का फैसला

1. पावरप्ले में टीम की रणनीति और इंटेंट

भारत जिस इंटेंट के साथ पावप्ले में खेला उसी से उसकी हार लगभग निश्चित हो है थी। टीम ने पावरप्ले में 1विकेट के नुकसान में केवल 38 रन बनाए। किसी भी भारतीय बल्लेबाज द्वारा पावरप्ले में कोई पॉजिटिव इंटेंट नहीं दिखाया गया।

ऐसे में समझ पाना मुश्किल है कि आखिर रोहित शर्मा और राहुल ने किस सोच के साथ बल्लेबाजों को खेलने को बोला था। भारत जहां 38 रन ही बना पाया वहीं इंग्लैंड की टीम ने पावरप्ले में 60 प्लस रन बनाए। अगर भारत ने पावरप्ले में अच्छी बल्लेबाजी की होती तो अंत में हार्दिक पांड्या के ताबातोड़ बल्लेबाजी के चलते टीम 200 रन तक पहुंच सकती थी।

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2. युजवेंद्र चहल को मौका न देना

इस टी 20I वर्ल्ड कप में चहल को एक भी मैच खेलने का मौका नहीं दिया गया। जबकि वह इस साल लाजवाब रहे थे। अक्षर इस वर्ल्ड कप में बेरंग नज़र आए थे। ऐसे में सेमीफाइनल में युजी का इस्तेमाल किया जाना चाहिए था। ऐसे समय में जब विश्व कप में सभी लेग ब्रेक रिस्ट स्पिनर ने विकेट लिए थे। चहल को प्लेइंग इलेवन से बाहर रखने का फैसला समझ से परे हैं।

3. पावरप्ले में विकेट टेकिंग गेंदबाज का इस्तेमाल सही से नहीं करना

अर्शदीप सिंह ने इस साल भारत के लिए पावरप्ले में शानदार गेंदबाजी की है। उन्होंने दो मैच में तो अपने पहले गेंद में विकेट हासिल किए। अर्शदीप सिंह दोनो तरफ गेंद को स्विंग कर सकते है।

बावजूद इसके राहुल द्रविड़ और रोहित शर्मा ने पता नहीं पावरप्ले में किस रणनीति के तहत उनसे केवल एक ही ओवर डलवाया। जिसके चलते भारत की टीम कभी मैच में वापसी कर ही नहीं पाई।

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