महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी वाली चेन्नई सुपर किंग्स ने गुजरात टाइटंस को 15 रन से हराकर आईपीएल 2023 के फाइनल में एंट्री कर ली है।
धोनी की ये चाल आयी काम
मैच में कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की एक चाल काम आयी। 16वें ओवर से पहले 5 मिनट तक खेल रोकना पड़ा। इस दौरान धोनी और स्क्वॉयर लेग अंपायर के बीच बातचीत हो रही थी।
हुआ कुछ यूं कि 16वां ओवर सीएसके लिए मथीशा पथिराना को फेंकना था, लेकिन मैदान पर खड़े अंपायर्स ने उन्हें ये ओवर फेंकने की अनुमति नहीं दी। दरअसल वो कुछ देर के लिए मैदान से बाहर गए और नियम के मुताबिक पथिराना अपना दूसरा ओवर तब ही फेंक सकते थे, जब उन्होंने मैदान पर अपना निर्धारित समय पूरा कर लिया हो।
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ऐसे में धोनी करीब 5 मिनट तक अंपायर्स से बहस करते रहे। इसका फायदा यह हुआ कि उन्होंने अंपायर से बात करते हुए 5 मिनट का समय निकाला और इस तरह और जब मैदान में पाथिराना ने अपना निर्धारित समय बिता लिया तो अंपायर्स ने फिर इसके बाद उन्हें ओवर डालने की अनुमति दे दी।
धोनी की ये चाल काम आयी और पाथिराना ने 16वां, 18वां और 20वां ओवर चेन्नई की तरफ से डाला। पथिराना ने भी उन्हें गलत साबित नहीं होने दिया, हालांकि 16वें ओवर में उन्होंने 13 रन लुटाए दिए, लेकिन इसके बाद उन्होंने 18वें ओवर में विजय शंकर को आउट कर दिया। इसके बाद आखिरी ओवर में भी उन्होंने 11 रन देकर 1 विकेट लिया और चेन्नई को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई।
हार्दिक पांड्या की टीम को एक छोटी गलती पड़ी भारी
मैच में हार्दिक पांड्या की टीम गुजरात टीम के नए गेंदबाज दर्शन नालकंडे से एक ऐसी गलती हो गई, जिसका खामियाजा पूरी टीम को हार के साथ भुगतना पड़ा। दरअसल, तेज गेंदबाज दर्शन ने पारी के दूसरे ओवर में ऋतुराज गायकवाड़ के रूप में सफलता दिलाई, मगर जब गुजरात टीम जश्न मना ही रही थी तभी अंपायर ने इसे नो-बॉल करार देकर उन्हें झटका दिया।
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