वैष्णो देवी जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। दरअसल त्रिकुटा पहाड़ियों पर स्थित वैष्णो देवी मंदिर की पुरानी और प्राकृतिक गुफा दर्शन के लिए बीते बुधवार को खोल दी गई है। इसको लेकर अधिकारियों ने बताया कि वैष्णो देवी मंदिर की पुरानी गुफा को सिर्फ जनवरी और फरवरी के दौरान ही खोला जाता है। इसके पीछे की वजह यह है इस वक्त वैष्णो देवी में जाने वाले भक्तों की तदाद अन्य महीने के मुकाबले कम होती है, हालांकि बाकी के महीने में श्रद्धालुओं को वैष्णो देवी मंदिर के गर्भ तक पहुंचने के लिए बनाई गई नई गुफा से जाना पड़ता है।
वहीं इस पूरे मामले पर श्री माता देवी श्राइन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रमेश कुमार ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मकर संक्रांति के बाद भक्तों के लिए प्राकृतिक गुफा खोली जाती है। ऐसे में अगर कोई तीर्थयात्री मौजूदा समय में माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए आता है तो वह प्राकृतिक गुफा या कहें पुरानी गुफा से गुजर सकता है।
जानकारी के लिए आपको बता दें, हिंदू मान्यता के अनुसार मां वैष्णो देवी की प्राचीन गुफा के द्वारा ही भैरवनाथ ने माता रानी का पीछा किया था। उस दौरान माता रानी इसी प्राकृतिक गुफा के द्वारा ही गुजरी थी और तब से यह गुफा काफी पवित्र मानी जाती है।
धार्मिक तौर पर यह भी मान्यता है कि अगर कोई भक्त मां वैष्णो देवी में माता रानी के दर्शन करने के लिए आता है तो उसे भैरव नाथ के भी दर्शन करने होंगे। तभी उस भक्त की यात्रा पूरी होगी। आपको बता दें, वैष्णो देवी में माता रानी के दर्शन के लिए सबसे पहले सिर्फ प्राकृतिक गुफा ही हुआ करती थी, लेकिन साल 1977 में जब तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ गई तो उसके बाद कृत्रिम गुफा का निर्माण किया गया। आज मौजूदा समय में श्रद्धालु माता रानी के दरबार में इसी गुफा से पहुंचते हैं। यही वजह है जनवरी और फरवरी महीने के अलावा बाकी महीने में भक्त प्राचीन गुफा के दर्शन नहीं कर पाते।