भारत से नेपाल सेवा जल्द ही शुरू होने वाली है। दरअसल भारत सरकार 15 जनवरी को मकर संक्राति के खास मौके पर नेपाल को एक जोड़ी ट्रेन देगा। बताया जा रहा है कि इसकी बोगी को कोंकण रेलवे कॉरपोरेशन मुंबई में तैयार किया गया था। इसके बाद इसपर पेंटिंग की गई है। फिलहाल मकर संक्रांति के दिन एक ट्रेन नेपाल के लिए रवाना होगी, जो 15 दिन में पटना, जयपुर, जयनगर, इटारसी होते हुए नेपाल के जनकपुर पहुंचेगी।
इस ट्रेन को जनकपुर में नेपाल को सौंप दिया जाएगा। इसके साथ ही रामायण सर्कि’ट का सपना भी साकार हो जाएगा। इसको लेकर नेपाल के भौति’क पूर्व आधार एवं यातायात मंत्री वसंत नेमांग ने जानकारी देते हुए यह कहा कि भारत की सरकार नेपाल के लिए एक ट्रेन मकर संक्राति के दिन 15 जनवरी को रवाना करेंगी। इस ट्रेन के नेपाल पहुंचने में करीब 15 दिन का समय लगेगा। इसके बाद ट्रेनों का संचालन को सुचारू रूप से शुरू कर दिया जाएगा।
कहा जा रहा है 15 दिन बाद यानी 30 जनवरी को ये ट्रेन नेपाल पहुंच जाएगी। वहीं दूसरी ट्रेन एक महीने बाद पहुंचेगी। यह दोनों ट्रेने बिहार की जयनगर से जनकपुर होते हुए धनुषा तक संचालित की जाएगी। फिलहाल इसको लेकर नेपाल सरकार की तरफ से 20 प्रतिशत धनराशि का भुगतान किया गया है और बाकी की धनराशि रेलवे परिचालन के बाद होने वाले फायदे से नेपाल सरकार करेगी। ट्रेन की रूट बिहार के जयनगर से जनकपुर होते हुए धनुषा तक रहेगा।
रेलवे विभाग के महानिदेशक बलराम मिश्र ने मीडिया से बातचीत में यह बताया कि जयनगर, जनकपुर, धनुषा के बीच की रेल लाइन पर करीब 34 किलोमीटर तक विस्तार किया जा चुका है और बाकी को जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। इसके साथ ही देश के किसी भी कोने से ट्रेन पहुंच सकते हैं।बताया जा रहा है कि जनक’पुर जयनगर धनुषा रेल लाइन शुरू होने के बाद अ’योध्या ही नहीं बल्कि देश के किसी भी हिस्से से जयनगर के रास्ते लोग जनकपुर धाम की यात्रा ट्रेन से कर किया जा सकेगा और इस तरह से रेल नेटवर्क के जरिए रामायण सर्कि’ट का भी सपना पूरा हो जाएगा।