देशभर में नागरिकता संशोधन कानून लागू हो चुका है। इसको लेकर केंद्र सरकार ने ऐलान किया है कि 10 जनवरी से नागरिकता संशोधन कानून प्रभावी हो चुका है। वहीं केंद्रीय मंत्रालय ने इसको लेकर एक गजट नोटिफिकेशन जारी किया, जिसमें बताया गया कि यह कानून लागू हो गया है। इसके तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के गैर मु/स्लिम शरणार्थी को भारतीय नागरिकता दी जा सकेगी।
आखिर क्या होता है नागरिकता संशोधन कानून- आपको बता दें, केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन बिल लेकर आई। इस बिल को सबसे पहले संसद से पास करवाया गया और बाद में राष्ट्रपति ने हस्ताक्षर किए, जिसके बाद नागरिकता संशोधन बिल ने नागरिकता संशोधन कानून का रूप ले लिया और अब इसको लेकर केंद्र सरकार ने नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है। इस कानून के द्वारा अगर कोई नागरिक, जो पाकिस्तान, बांग्लादेश या फिर अफगानिस्तान से आया हो और वह हिं/दू, जैन, सिख, ई/साई, पार/सी या फिर कोई और हो तो उसकी भारत में नागरिकता आसानी से मिल सकती है और वह यहां पर रह सकता है।
देश में कहां-कहां लागू नहीं हो सकता है ये कानून- आपको बता दें, नागरिकता संशोधन कानून का पूर्वोत्तर राज्य में विरो/ध हुआ था। यही वजह है कि बाद में केंद्र सरकार ने यह ऐलान किया था कि असम, अरुणाचल प्रदेश, मणि/पुर के क्षेत्रों में नागरिकता संशोधन कानून लागू नहीं किया जाएगा। इसको लेकर केंद्र सरकार ने यहां पर इनर लाइन पर/मिट जारी किया है। इनर लाइन एक ऐसा यात्रा दस्तावेज होता है जिसके जरिए किसी संरक्षित क्षेत्र में सिर्फ निर्धारित समय तक के लिए ही यात्रा कर सकते हैं।
कांग्रेस समेत विपक्ष कर रही इस कानून का वि/रोध- एक तरफ जहां बीजेपी नागरिकता संशोधऩ कानून का समर्थन कर रही है और लोगों को जागरूक कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस समेत विपक्षी दल इसके विरो/ध में उतर रहे हैं। इसको लेकर हाल ही में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा था और इस कानून को एक खास समुदाय के खिलाफ भेद/भाव वाला कानून बताया था।