जम्मू कश्मीर में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू हो गई है. मंगलवार 24 अप्रैल को यहां कैबिनेट ने इससे जुड़ी सिफारिशों को मंजूरी दी है.
मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की अध्यक्षता में जम्मू में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में अहम फैसला लिया गया. ऐसा कर जम्मू कश्मीर देश का पहला राज्य बन गया जहां सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों पर हामी भरी गई.
राज्य सरकार के करीब 500000 कर्मचारी और पेंशन पाने वालों को इसका सीधे तौर पर फायदा मिलेगा. यानी, कि कर्मचारियों और पेंशनरों को अप्रैल महीने से बढ़ी हुई दरों के हिसाब से सैलरी दी जाएगी.
ऐसे में यह फैसला सरकार के कर्मचारियों के लिए खुशखबरी बन कर आया है. जम्मू और कश्मीर के सूचना और जनसंपर्क विभाग की ओर से मंगलवार को इस बाबत एक ट्वीट किया गया है. जिसमें लिखा था, कि सरकारी कर्मचारी इसी महीने से बढ़ा हुआ वेतन पाएंगे.
वित्त मंत्री सैयद अल्ताफ बुखारी ने मीडिया से कहा हमारे पास संसाधनों की कमी है, लेकिन माननीय मुख्यमंत्री ने प्रतिबद्धता जताई थी. जिसे हमने पूरा किया है.
सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद 500000 कर्मचारी की तनख्वाह में लगभग 20 फ़ीसदी का इजाफा होगा. बता दे, कि जुलाई में केंद्रीय कैबिनेट ने हरी झंडी दे दी थी.
कर्मचारियों को फिलहाल इस महीने का वेतन बढ़ी हुई दर के साथ जारी किया जाएगा. जबकि एरियर्स उनकेजीपी फंड खाते में ट्रांसफर किये जायेंगे.
वित्त मंत्री ने आगे बताया सरकार ने कर्मचारियों के साथ जो वादा किया था उसे पूरा किया है वित्त मंत्री की माने तो सातवें वेतन आयोग के लागू होने के बाद राजकोष पर तकरीबन 4200 करोड़ रुपए का भार पड़ेगा. हालांकि ,उन्होंने यह भी कहा, कि विसंगतियों से निपटने के लिए एक कमेटी बनाई जाएगी.