समाजवादी पार्टी से राज्यसभा सांसद और अभिनेत्री जया बच्चन ने इंडियन एक्सप्रेस के खास कार्यक्रम Idea एक्सचेंज में कहा, कि उनके पति और बॉलीवुड स्टार अमिताभ बच्चन का राजनीति में प्रवेश करना एक भावुक फैसला था.
उन्होंने कहा, कि सभी कलाकार भावुक होते हैं. वैसे ही अमित जी भी बहुत थे और पारिवारिक मित्रता की वजह से कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए थे, लेकिन बहुत जल्दी उन्होंने राजनीति से तौबा कर ली, क्योंकि वह तत्कालीन राजनीतिक परिवेश में से खुश नहीं थे.
जब जया बच्चन से पूछा गया कि अमिताभ जी ने जल्द राजनीति छोड़ दी जबकि खुद लंबे समय से राजनीति में बनी हुई है इसके जवाब में कहा, कि अमित जी ने भावुक होकर राजनीती ज्वाइन तो कर ली थी, लेकिन बहुत जल्द उन्होंने कहा था, कि वो राजनीती नहीं कर सकते. जया ने कहा, कि राजनीति उनके स्टाइल के खिलाफ थी.
जय ने बताया कि अमिताभ ने कब कहा था, कि वो राजनेताओं की तरह नहीं रह सकते. उनकी तरह बोल भी नहीं सकते है. बतौर जाया बच्चन राजनीतिक करियर में अमिताभ बच्चन कभी भी सहज नहीं रह पाए थे.
जया ने कहा, कि अमिताभ बहुत निजी जिंदगी जीने वाले इंसान हैं और जब किसी शख्स को सिनेमा और जनता के बीच दो-दो पेशे में काम करना पड़ता है तो उसका जीवन बहुत मुश्किल बन जाता है.
जया बच्चन ने कहा, कि अमिताभ बच्चन इस से हैंडल नहीं कर पा रहे थे. इस वजह से उन्होंने राजनीति से अपने कदम पीछे खींच लिए थे.
आपको बता दें, कि अमिताभ बच्चन ने राजीव गांधी से दोस्ती की वजह से साल 1984 में इलाहाबाद से लोकसभा से चुनाव लड़ा था. और यूपी के पूर्व सीएम हेमवती नंदन बहुगुणा को हराया था.