भले ही देश भर में नागरिकता संशो’धन कानून का नियम लागू हो चुका है, लेकिन इसके बावजूद कई जगह पर इसको लेकर विरो’ध प्रदर्शन देखने को मिल रहे हैं। इसी बीच आज कांग्रेस के सीनियर नेता शशि थरूर जामि’या मिलिया इस्लामि’या में नागरिकता संशोधन कानून पर अपने संबोधन के लिए पहुंचे, हालांकि इसके पहले उन्हें दि’क्कतों का सामना करना पड़ा।
दरअसल हुआ कुछ यूं कि पुलि’स बैरिके’ड और जाम की वजह से उन्हें अपनी कार से बीच रास्ते में उतरना पड़ा और पैदल ही जामि’या यूनिवर्सिटी जाना पड़ा।शशि थरूर ने नागरिकता संशोधन कानून पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने संबोधन में यह कहा कि सीएए पूरी तरह से भेदभा’व पूर्ण और अलोक’तांत्रिक है। देखा जाए तो यह भारत के लोकतंत्र पर एक ध’ब्बा है. हाल ही में नागरिक’ता संशोधन कानून को लेकर जामिया में हिं’सा हुई थी। इस दौरान कई छात्र घा’यल हुए थे।
बता दें, नागरिकता संशोधन कानू’न को लेकर कांग्रेस समेत ज्यादातर विपक्षी दल इसके विरो’ध में उतर आए हैं और इसको लेकर केंद्र सरकार से इस कानून को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। हाल ही में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने सीएए का विरो’ध करते हुए यह कहा था कि यह कानून ध’र्म के आधार पर लिया गया है, जो कि गल’त है. हालांकि दूसरी तरफ बीजेपी इस कानून का समर्थन करते हुए लोगों को जागरूक करने में लगी हुई है।
वहीं हाल ही में गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर नि’शाना साधा था। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस चाहे कितना भी विरो’ध करें लेकिन लोगों को नागरिकता देकर ही हम द’म लेंगे। भारत में जितना अधिकार मेरा और आपका उतना ही अधिकार पा’किस्तान से आए हुए शरणा’र्थियों का है।अमित शाह ने आगे कहा कि 2 जुलाई 1947 को महात्मा गांधी ने कहा था कि जिन लोगों को पा’किस्तान से निकाला गया। इसके अलावा जो पा’किस्तान में रह रहे हैं। उन्हें यह पता होना चाहिए कि वे सब भारत के नागरिक है और वे जब भी चाहें तो भारत की नागरिकता ले सकते हैं।