अफगानिस्तान में अगवा किये गए 7 भारतीय इंजीनियरों को अगवा करने वाली तालिबानी गुट का पता कर उससे संपर्क साधने की मुहिम शुरू कर दी गई है.
इंजीनियरों को छुड़ाने के लिए भारतीय विदेश मंत्रालय ने विशेष टीम वहां भेजी है. इस टीम में अफगानी अधिकारियों को साथ लेकर अफगानिस्तान के अलग-अलग हिस्सों में कबीले के बुजुर्ग सरदारों से वार्ता शुरू की है.
150 लोगों की अलग-अलग टीमें इस अभियान में लगाई गई है इधर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने फोन पर वहां के विदेश मंत्री सलाहुद्दीन रब्बानी से बात की है.
रब्बानी ने सुषमा स्वराज को प्रांत के गवर्नर अब्दुल्लई नेमाती के हवाले से बताया, कि तालिबान ने सभी इंजीनियरों को अपहरण किया है और उन्हें पुल-ए खोमरे शहर के दांड शाहबुद्दीन की तरफ ले गये है.
आतंकी संगठन तालिबान ने भारतीय इंजीनयरों को शायद अफगानी सरकारी कर्मचारी समझकर अगवा किया है. रब्बानी ने सुषमा स्वराज को भरोसा दिया है, कि जल्दी इंजीनियरों को रिहा करा लिया जाएगा. स्थानीय कव्वाली सरदारों के साथ मध्यस्ता की जरिए इंजीनियरों को छुड़ाने की कोशिश हो रही है.
अफगानिस्तान के बगलान में 7 इंजीनियरों को तालिबान ने रविवार को अगवा कर लिया. यह सभी भारतीय आरपीजी समूह की कंपनी केईसी इंटरनेशनल के द्वारा बनाए जा रहे एक बिजली उपकेंद्र निर्माण परियोजना पर काम कर रहे थे.
7 इंजीनियर कार्य की प्रगति का जायजा लेने जा रहे थे, लेकिन चश्मा-ए-शीर इलाके में बंदूकधारियों ने उनका अपहरण कर लिया. फिलहाल सभी इंजीनियरों को छुड़ाने का अभियान चल रहा है.