युवा दिवस: स्वामी विवेकानंद ने शिकागो में एतिहासिक भाषण के जरिए भारत को दिलायी थी खास पहचान

स्वामी विवेकानंद की जयंती आज यानी 12 जनवरी को है। इसे युवा श’क्ति का प्रतीक माना जाता है। हर साल भारत में इसे राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। स्वामी विवेकानंद जी को खासतौर पर युवा वर्ग प्रेरणा स्त्रोत के रूप में मानता है। स्वामी विवेकानंद जी अक्सर कहा करते थे कि मेरा विश्वास युवा पीढ़ी में है, जो सभी सम’स्याओं का हल निकालेगा। युवा होने का न सिर्फ शारीरिक रूप से बलवान होता है बल्कि मानसिक रूप से मजबूत होता है। यही युवा वर्ग की पहचान होती है।

आपको बता दें. स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 में हुआ था। बचपन में उनका नाम नरेंद्र था और वह रामकृष्ण परमहंस के शिष्य थे। आपको याद होगा, स्वामी विवेकानंद जी का शिकागो में दिया गया एक ऐतिहासिक भाषण, जिसे आज का युवा भी पढ़ता है और उससे प्रेरणा लेता है।
11 सितंबर 1893 में भी शिकागो में एक भाषण के जरिए स्वामी विवेकानंद का नाम न सिर्फ भारत बल्कि दुनियाभर में लोकप्रिय हो गया। आज हम आपको उस भाषण के कुछ अंश बताना चाहेंगे।

swami vivekananda

स्वामी विवेकानंद सबसे पहले अमेरिकी भाइयों और बहनों कह कर इस भाषण की शुरूआत की। इसके बाद उन्होंने कहा कि आपने मेरा पूर्ण स्नेह के साथ स्वागत किया है। उससे मेरा दिल भरा आया है। मैं इस मंच पर बोलने वाले कुछ और विद्धानों का भी धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्होंने यह जाहिर किया कि दुनिया में अच्छे विचार पूर्व के देशों से फैले हैं। इसके अलावा दुनिया की सबसे पुरानी संत परंपरा और सभी धर्मों की जननी की तरफ भी धन्यवाद प्रकट करता हूं।

मुझे इस बात पर गर्व है कि मैं उस धर्म से आया हूं जिसने दुनिया को सार्वभौमिक और सरलता का पाठ पढ़ाया है। हम सभी धर्मों के सच के रूप में स्वीकार करते है। मुझे इस बात का गर्व है मैं इस देश में हूं, जिसने सभी धर्मों और सभी देशों के सताए हुए लोगों को अपनाया। विवेकानंद जी कहते हैं जिस तरह से अलग-अलग स्रोतों से निकली नदियां अंत में जाकर सागर में मिलती है। ठीक उसी तरह मनुष्य भी अपनी इच्छा के अनुरूप अलग-अलग मार्ग चुनता है, लेकिन अंतिम में वह भगवान की तरफ ले जाता है। आज तक पवित्र सभाओं में इससे एक आज की सभा है। मुझे पूरी उम्मीद है आज इस सम्मेलन का शंखनाद सभी ह’ठधर्मथियों, हर तरह के क्ले’श, चाहे वह त’लवा’र हो या फिर चाहे वह कलम। सभी मनुष्यों के बीच बु’रे भावनाओं को खत्म करेगा।