उत्तर प्रदेश योगी सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। दरअसल कैबिनेट बैठक में प्रदेश की सबसे अहम नदी मानी जाने वाली घाघरा नदी का नाम बदलकर सरयू किए जाने की मंजूरी दे दी गई है। आपको बता दें, अलग-अलग जिलों में सरयू नदी को अलग-अलग नाम से जाना जाता है। यह नदी नेपाल के रास्ते होते हुए बहराइच, गोंडा से आगे जाती है। इस जगह पर इस नदी को घाघरा नदी के नाम से जाना जाता है।
वहीं जब यह नदी गों’डा के आगे बढ़ती है तो इसे सरयू नदी कहा जाता है, लेकिन अब योगी सरकार ने पूरी नदी को ही सरयू नदी का नाम दे दिया है।जानकारी के लिए आपको बता दें, यह नदी दक्षिणी तिब्बत के ऊंचे पर्वत शिखर में मापचा’चुंगो हिमनद से निकलती है, जो उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों से होते हुए गुजरती है। इसमें बहराइच, सीतापुर, गोंडा, बाराबंकी, अयोध्या, अंबेडकर नगर, मऊ, बस्ती, गोरखपुर लखीमपुर खीरी और बलिया शामिल है।
मालूम हो कि यह नदी गंगा की सबसे बड़ी सहायक नदी है और अयोध्या इसके दाएं किनारे पर स्थित है। ऐसे में अब घाघरा नदी का नाम बदलकर सरयू किए जाने के बाद आने वाले समय में राजस्व अभिलेखों में इसका नाम सरयू दर्ज कर लिया जाएगा। फिलहाल योगी कैबिनेट ने अपनी मंजूरी दे दी है और इसके प्रस्तावो को केंद्र सरकार के पास भेज दिया गया है। जब केंद्र की मंजूरी मिल जाएगी तो घाघरा नदी को सरयू नदी कहा जाएगा।
बता दें, देश में बहने वाली किसी भी नदी को राष्ट्रीय संविदा मानी जाती है। ऐसे में संविधान सं’घ सूची के क्रमांक 56 के अनुसार, अगर किसी भी नदी का नाम बदलना है तो इसके लिए केंद्र सरकार को अंतिम फैसला करना पड़ेगा। केंद्र सरकार के पास जब राज्य सरकार नदी के नाम बदलने संबंधित प्रस्ताव भेजती है तो इसे बाद में केंद्र गृह मंत्रालय की अनुमति मांगता है और अनुमति मिलने के बाद किसी भी नदी का नाम बदला जा सकता है।