विराट और रोहित के चोटिल होने के कारण, केएल राहुल को टेस्ट मैच और एकदिवसीय मैच की जिम्मेदारी सौंपी गई है। ऐसे में कई लोगों को मन में कई सवाल उठ रहे हैं।
सवाल सही भी है क्योंकि अश्विन जैसे वरिष्ठ खिलाड़ी होने के बावजूद उन्हें ये जिम्मेदारी दी गई है। 3 कारण, टीम इंडिया के लिए आर अश्विन ज्यादा बेहतर कप्तान साबित हो सकते हैं।
11 साल का अनुभव
सन 2010 में अश्विन ने टीम इंडिया के लिए डेब्यू किया था तबसे वह लगातार ही टीम इंडिया का हिस्सा बने हुए है। उन्होंने धोनी जैसे अनुभवी कप्तान के साथ काफी समय तक खेला है। धोनी के साथ खेलते खेलते उन्होंने विकेटकीपर बल्लेबाज से काफी कुछ सीखा होगा।
अश्विन 11 साल से भारतीय टीम के लिए खेल रहें है। जबकि केएल राहुल को ऐसा करते हुए अभी 7 साल हुए है। अगर अनुभव की बात की जाए तो अश्विन के पास उनकी तुलना में काफी अनुभव है। अश्विन ने भारत के लिए 81 टेस्ट, 111 ODI और 51 टी20 खेले है। वह काफी समय तक टी20 टीम से बाहर थे पर चार साल बाद मौका मिलने पर उन्होंने कमाल का प्रदर्शन किया।
आल राउंडर होने के कारण, बल्लेबाजों और गेंदबाजों की अच्छी समझ
अश्विन बतौर आल राउंडर खेलते है। इस कारण उन्हें बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों की ही समझ है। अगर वह टीम का नेतृत्व करते है तो वह टीम में एक संतुलन ला पायंगे और बल्लेबाजों और गेंदबाजों का सही समय में सही प्रयोग कर पाएंगे। साथ ही अश्विन ने सन 2018 और 2019 में किंग्स इलेवन की कप्तानी भी की थी।
उनके नेतृत्व में टीम कुछ खास कमाल तो नहीं कर पाई थी। पर उनकी नेतृत्व क्षमता की हर जगह तारीफ हुई थी। खासकर उनके फील्ड प्लेसमेंट की।
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हर स्थिति में रहते है शांत
टीम को एक शांत और स्तिथि को समझने वाले कप्तान की जरूरत होती हैं। अश्विन इस जगह पर एकदम फिट बैठते है। अश्विन न ही किसी चीज़ को लेकर ज्यादा उत्साहित होते है न ही किसी चीज़ को लेकर हताश।अश्विन काफी शांत है, वह जल्दी अपना आपा नहीं खोते। चाहे टीम जीत रही हो या हार रही हो अश्विन अपना कम्पोज़र बनाये रखते है।