टीम इंडिया के स्टार ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या ने मुंबई एयरपोर्ट पर अपनी दो घड़ियों की जब्ती को लेकर चुप्पी तोड़ते हुए इस पूरे घटनाक्रम पर अपनी राय रखी है। उन्होंने ट्वीट के जरिए बताया कि वह दुबई से वापस लौट रहे थे और इसी दौरान उन्होंने कस्टम विभाग के अफसरों को अपनी घड़ियां खुद दी थीं।
हार्दिक पांड्या ने मीडिया में चल रहे तरह-तरह के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है उन्होंने कहा की दुबई से मुंबई लौटने के बाद कस्टम अधिकारियों को उन्होंने खुद जरूरी डॉक्यूमेंट और घड़ी सौंपी है। इसके साथ ही उन्होंने घड़ी की असली कीमत का खुलासा करते हुए कहा कि घड़ी की कीमत 5 करोड़ रुपए नहीं बल्कि 1.5 करोड़ रुपए है।
चीजों को गलत तरीके से किया जा रहा है फैलाया
— hardik pandya (@hardikpandya7) November 16, 2021
हार्दिक पांड्या ने एक ट्वीट करते हुए लिखा, 15 नवंबर की सुबह जब मैं मुंबई से वापस आ रहा था तब मैं अपना बैग लेने के बाद खुद ही मुंबई एयरपोर्ट के कस्टम काउंटर पर गया था और वहां से लाई गई सभी चीज़ों को कस्टम अधिकारियों को सौंप दिया था कस्टम ड्यूटी भरी सोशल मीडिया पर गलत तरीके से चीजों को फैलाया जा रहा है मैं इन सभी चीजों के बारे में सही बताना चाहता हूं।”
कस्टम विभाग लगा रहा है हिसाब
हार्दिक पांड्या ने ट्विटर पर शेयर किए गए नोट में आगे लिखा, दुबई से जो मैंने सामान खरीदा था वापसी के दौरान मैंने खुद ही उनकी जानकारी दी और कस्टम ड्यूटी भरने को तैयार था। कस्टम डिपार्टमेंट ने सभी जरूरी कागज मांगे हैं जो हम दे रहे हैं। कस्टम विभाग अभी ड्यूटी का हिसाब लगा रहे हैं। जो मैं भरने को तैयार हूं साथ ही घड़ी की कीमत डेढ़ करोड़ है ना कि 5 करोड रुपए जिस प्रकार के कयास लगाए जा रहे थे।”
कीमतों को लेकर लगाए जा रहे थे कयास
आपको बता दें कि सोमवार की शाम को यह खबर आग की तरह फैल गई कि मुंबई एयरपोर्ट पर टीम इंडिया के ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या के पास से 5 करोड़ रुपयों की कीमत वालीं दो घड़ियां बरामद हुई हैं। इन्हें ज़ब्त कर लिया गया है। मगर अब हार्दिक पांड्या ने ट्विटर पर लिखे नोट से सब कुछ साफ कर दिया है उन्होंने बताया कि घड़ियों की कीमत ₹5 करोड़ नहीं बल्कि डेढ़ करोड़ रुपए है।
गौरतलब है कि अगर कोई भी व्यक्ति विदेश से कोई भी चीज अपने साथ खरीद कर भारत लाता हैं तो उसे उसके एवज में कस्टम ड्यूटी भरनी जरूरी होती है। साथ ही एयरपोर्ट पर उस सामान से जुड़ी जानकारियों को कस्टम विभाग के अधिकारियों से साझा भी करना होता है। इसके बाद कस्टम विभाग के अधिकारी सामान की कीमतों के आधार पर कस्टम ड्यूटी लगाते हैं।