जनरल मनोज मुकुंद नरवाणे देश के 28वें आर्मी चीफ का कार्यभार संभाल चुके हैं। इससे पहले उन्हें गॉड ऑफ ऑनर का सम्मान दिया गया और इसके बाद वे नेशनल वार मेमोरियल पर शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि देने पहुंचे।
श्रद्धांजलि देने के बाद जनरल मुकुंद नरवाणे ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि, “पूरे देशवासियों को नए साल की बधाई। मुझे जो जिम्मेदारी मिली है। उसे संभालने पर मुझे फक्र है। मैं अपने देशवासियों को यह आश्वासन देना चाहता हूं कि हमारी थल, नभ और जल की सेनाएं कभी भी देश के दामन पर आंच नहीं आने देगी। हमारी थल सेना हमेशा सतर्क है और रहेगी। इसके अलावा हमारी सशस्त्र बल सेना मानव अधिकार के सम्मान का विशेष तौर पर ध्यान देगी।
नए आर्मी चीफ ने आगे कहा कि, “यह कितना अहम प्रभार है, इसका भी मुझे अहसास है। मैं वाहेगुरु से कामना करता हूं कि इस जिम्मेदारी को संभालने के लिए मुझे साहस, शक्ति और बुद्धिमत्ता दे।”
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वहीं चीन की चुनौतियों पर आर्मी चीफ जनरल मनोज मुकुंद नरवाणे ने कहा कि, “देश के उत्तर और उत्तर पूर्व इलाके में सुरक्षा को पुख्ता करना हमारी प्राथमिकता है। हमारा मानवाधिकार के मसले पर भी पूरा ध्यान है। हम हर खतरे पर नजर रखते हैं। यह लगातार चलने वाली प्रक्रिया है। वहीं चीन के साथ सीमा के विवाद को सुलझाने की जरूरत है। हम सीमाओं पर शांति और सुरक्षा को कायम रखने में सफल रहे हैं।”
आपको बता दें, एक तरफ जहां नए चीफ आर्मी के पद पर जनरल मनोज मुकुंद नरवणे बने हैं तो वहीं दूसरी तरफ देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के तौर पर जिम्मेदारी जनरल बिपिन रावत ने संभाली हैं। इस पद को संभालने के बाद जनरल विपिन रावत ने कहा कि, ” हमारा फोकस तीनों सेनाओं को मिलाकर तीन नहीं बल्कि 5 या फिर 7 करने पर होगा।”