इराक के बगदाद में अमेरिका द्वारा आज तड़के सुबह (भारतीय समयानुसार) एक और एयर स्ट्राइ’क की गई है। शुरूआती जानकारी के मुताबिक इस एयर स्ट्राइ’क में हाशेद के लड़ाके को निशाना बनाया गया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस एयर स्ट्राइ’क में छह लोगों की मौत हो चुकी है।फिलहाल अभी इस खबर पर अपडेट आना बाकी है।
जानकारी के लिए आपको बता दें, बीते दिन अमेरिका द्वारा ईरान की कुद्स सेना के प्रमुख जनरल कासिम सुलेमा’नी को एयर स्ट्राइ’क में मा’र गिराया था। बता दें, मेजर जनरल कासिम सुलेमानी को ईरान की दूसरा सबसे ताकतवर शख्स कहा जाता था। ऐसे में अब जनरल सुलेमानी की मौ’त ईरान के लिए एक बड़ा झटका साबित हुआ है।
इसकी वजह से वह बदले की आग में है और उसने इसको लेकर चेतावनी भी जारी कर दी है। यही वजह है अमेरिका ने अपने नागरिकों को इराक देश को तुरंत छोड़ने की चेतावनी जारी की है। साथ ही उसने कहा है अगर हवाई यात्रा से उन्हें बाहर निकलने का मौका नहीं मिल रहा है तो वह सड़क के मार्ग से इराक छोड़कर दूसरे देश चले जाए।
https://twitter.com/ANI/status/1213247055134515200
वहीं इस पूरे मामले पर अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन ने अपने बयान में कहा है कि, “राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आदेश के बाद बगदाद एयरपोर्ट पर बीते दिन एयर स्ट्राइ’क की गई। इस एयर स्ट्राइ’क में तेहरान का शीर्ष सैनिक कमांडर मा’रा गया। सुलेमानी को मारने के पीछे असली वजह यह थी कि वह इराक और मध्य पूर्व क्षेत्र में अमेरिकी राजदूतों पर हमले की लगातार साजिश रच रहा था। ऐसे में अमेरिका दूसरे देशों में बसे अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित के लिए यह बड़ा कदम उठाया और सुलेमानी को मार गिराने का फैसला लिया।
वहीं दूसरी तरफ सुलेमानी की मौ’त की खबर सुनने के बाद ईरान ने बदला लेने की प्रतिज्ञा ली है। इसको लेकर सुप्रीम लीडर अयोतुल्लाह खमनेई ने दोषियों से बदला लेने की प्रतिज्ञा ली है।
अमेरिका के पूर्व राजदूत ब्रेट मैकगर्क ने एमएसएनबीसी को दिए एक इंटरव्यू में यह बात कहीं है कि ,”सुलेमानी की मौ’त से भले ही अमेरिका द्वारा न्याय करने की कोशिश की गई हो लेकिन अमेरिकियों को इस बात को समझ लेने की जरूरत है कि हम ईरान के साथ यु’द्ध के चरण में पहुंच चुके हैं।”
आपको बता दे ईरान और अमेरिका के बीच बीते कुछ सालों से तनाव बरकरार है। हालांकि अब सुलेमानी की इस तरह अमेरिकी हमला द्वारा की गई हत्या यु’द्ध की आशंका को प्रबल कर रही है। अगर ऐसा होता है तो न सिर्फ अमेरिका और ईरान इस यु’द्ध में शामिल होगें। बल्कि अमेरिकी के सहयोगी देश इजराइल और सऊदी भी शामिल होंगे तो वह वहीं दूसरी तरफ ईरान के सहयोगी देश भी आगे बढ़कर लड़ाई में हिस्सा ले सकते हैं।