राजधानी दिल्ली के एतिहासिक राम लीला मैदान में अरविंद केजरीवाल ने आज दिल्ली के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लिया। वे दिल्ली के तीसरी बार मुख्यमंत्री के पद की शपथ ली। उन्होंने दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने शपथ दिलाई। अरविंद केजरीवाल के बाद 6 मंत्रियों ने भी शपथ ली।
शपथ के बाद अरविंद केजरीवाल ने रामलीला मैदान में मौजूद लोगों को संबोधन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि आज आपके बेटे ने तीसरी बार सीएम पद की शपथ ली है। ये मेरी जीत नहीं, बल्कि आपकी जीत है।
अगर पिछले 5 साल की बात किया जाए तो हमारी यही कोशिश हमेशा रही कि किस तरह से हम लोग दिल्लीवाले की जिंदगी में खुशहाली ला सके और दिल्ली का विकास भी तेजी से हो। हमारी आने वाले 5 सालों में भी यही कोशिश रहेगी कि दिल्ली में विकास और तेजी से हो। अपनी बात को जारी रखते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सब लोग अपने गांव में फोन करके बोल देना हमारा बेटा सीएम बन गया अब चिंता की कोई बात नहीं है।
#WATCH Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal sings 'Hum honge kaamyaab', at his swearing-in ceremony pic.twitter.com/hwXi8FUW46
— ANI (@ANI) February 16, 2020
आज मैं सारे दिल्लीवालों को यही कहना चाहता हूं कि अब दिल्ली विधानसभा का चुनाव खत्म हो चुका है। आपने जिसे भी वोट दिया, अब आप सारे मेरा परिवार हो। मैं सबके साथ मिलकर काम करना चाहता हूं। आप चाहे किसी भी पार्टी का हिस्सा हो। मेरे परिवार हो। मेरे पास आना। सभी का काम करूंगा। मैं अपने सभी विरोधी पार्टियों से अनुरोध करना चाहता हूं कि आप लोग कृपया करके राजनीति बातें भूल जाए और एक साथ दिल्ली को आगे बढ़ाए। हम केंद्र सरकार के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं।
मालूम हो कि, रामलीला मैदान में अरविंद केजरीवाल के साथ 6 मंत्री भी शपथ लिया। इसमें मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन, गोपाल राय, कैलाश गहलोत, इमरान हुसैन और राजेंद्र गौतम नाम शामिल है। रामलीला ग्राउंड में होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में 50 विशेष अतिथि भी शामिल रहे। इनमें बस मा’र्शल, ऑटो ड्राइवर, डॉ’क्टर, टीचर्स, बाइक ऐ’म्बुलेंस राइडर्स, सफाई कर्मचारी, कंस्ट्रक्शन व’र्कर्स के लोग है। ।
आपको बता दें, दिल्ली में हुए विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 62 विधानसभा सीट पर जीत दर्ज की थी। वहीं बाकी की सीटें भारतीय जनता पार्टी के खाते में गई, हालांकि जिस पार्टी का सबसे बु’रा हा’ल रहा। वह कांग्रेस पार्टी रही। देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस ने इस बार दिल्ली के विधानसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं जीत पायी।