प. बंगाल के राज्यपाल बोले, यहां नहीं है धार्मिक सम्मेलन पर रोक,लॉकडाउन फेल, केंद्र अर्द्धसैनिक बल तैनात करें

New Delhi: देश में कोरोना वायरस के बढते केस को देखते हुए सरकार ने 14 अप्रैल को लॉकडाउन की अवधि को 3 मई तक के लिए बढ़ा दिया है। जिसके बाद से देश में लॉकडाउन को लेकर काफी सख्ती की गई है। लेकिन पश्चिम बंगाल में लॉकडाउन के नियमों सही तरीके से पालन नही किया आ रहा है। ऐसा हम इस लिए बोल रहे हैं क्योंकि हाल ही में पश्चिम बंगाल के गवर्नर जगदीप धनखड़ ने इसी सिलसिले में एक ट्वीट किया है। जिसमें उन्होंने बताया हैं कि राज्य में लॉकडाउन लागू होने के बाद भी प्रशासन इसके प्रोटोलकॉल का सही से पालन नहीं कर रही है। इसके साथ ही उन्होंने केंद्रीय अर्धसैनिक बलो को तैनात करने का भी विचार सुझाया। धनखड़ ने यह भी कहा कि जिन पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने प्रोटोकॉल की अनदेखी की है, उन्हें अपने कर्तव्यों से मुक्त किया जाना चाहिए।

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने अपने ट्वीट लिखा-“कोरोना वायरस से निपटने के लिए लॉकडाउन के प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन करना होगा। राज्य सरकार के अधीन पुलिस और प्रशासन के जो अधिकारी शत-प्रतिशत तरीके से सामाजिक दूरी कायम रखने या धार्मिक समागमों पर रोक लगाने में विफल रहे हैं, उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जाना चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि लॉकडाउन सफल होना चाहिए और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की जरूरत पर विचार होना चाहिए।”

बता दें कि धनखड़ ने ममता बनर्जी की अगुवाई वाली सरकार के साथ कई मामलों पर लॉगरहेड्स बनाए हैं। बनर्जी ने 8 अप्रैल को कहा कि कोविड -19 जाति या धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं करता है। मुख्यमंत्री ने पिछले महीने दिल्ली में तब्लीगी जमात में भाग लेने वालों के बारे में जानकारी देने से इनकार दिया था। बनर्जी ने उस दिन एक रिपोर्टर से कहा, “सांप्रदायिक सवाल मत पूछो।” “बंगाल में सांप्रदायिक गतिविधियों के लिए जगह नहीं है। यह सांप्रदायिक राजनीति का समय नहीं है, रोग जाति या धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं करता है। ”