प्रियंका गांधी दो दिनों के लखनऊ दौरे पर है। इस दौरान उन्होंने बीते दिन रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी एसआर दारापुरी के परिवार जनों से मिली। हालांकि इसके पहले प्रियंका गांधी जब उनके घर दारापुरी जा रही थी, तभी पुलिस वालों ने उन्हें रोका। प्रियंका गांधी का आरोप है कि उन्हें एक महिला पुलिस कर्मी ने धक्का देकर गिराया और लगा दबाया।उन्होंने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि, ” जब मैं गाड़ी में शांतिपूर्वक जा रही थी, तब कानून-व्यवस्था कैसे बिगड़ने वाली थी? मैंने किसी को बताया तक नहीं था ताकि मेरे साथ तीन से ज्यादा लोग नहीं आएं। मुझे अचानक रोका गया तभी मैं पैदल चली। इनके पास मुझे रोकने का हक नहीं है। अगर गिरफ्तार करना चाहते हैं तो करें।”
उत्तर प्रदेश पुलिस ने आज कांग्रेस महासचिव श्रीमती @priyankagandhi जी को एस आर दारापुरी जी के परिजनों से मिलने से रोका, कोई कारण तक नहीं बताया गया। सवालों का जवाब न देकर यूपी पुलिस ने उनके साथ हाथापाई की। पुलिस जनता की सुरक्षा के लिए है या उन पर अत्याचार के लिए? #UPMeinGundaraj pic.twitter.com/qVY7vaNj6y
— UP Congress (@INCUttarPradesh) December 28, 2019
हालांकि अब इस मामले पर भारतीय जनता पार्टी हमलावर हो गई है और उनके आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे नौटंकी करा दिया। इसको लेकर योगी सरकार के मंत्री सिद्दार्थ नाथ सिंह ने ट्वीट करते हुए कहा कि प्रियंका गांधी झूठ बोल रही हैं, उनका पूरा परिवार झूठ पर ही पनपता है, थूको और भागो को नीति से अस्थायी शोहरत तो मिल सकती है, मगर वोट नहीं। प्रियंका की नौटंकी की निंदा होनी चाहिए।
#PriyankaVadralies the family thrives on lies only, theory of spit and run will give you temporary publicity but not votes. Nautanki of #PriyankaVadra should b condemned
— Sidharth Nath Singh (@SidharthNSingh) December 28, 2019
वहीं दूसरी तरफ योगी सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने ट्वीट करते हुए कहा कि,”शांत प्रदेश कांग्रेस को पच नहीं रहा है। शुक्रवार शान्ति से गुजरा तो अगले ही दिन पुलिस को घेरने और उपद्रवियों का हौसला बढ़ाने के लिए कांग्रेस नेता यूपी में सक्रिय हो गए। प्रदेश को फिर से जलाने का षड्यंत्र सफल नहीं होगा।”
गौरतलब है कि एक तरफ जहां प्रिंयका गांधी लखनऊ में है तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी असम दौरे पर थे। यहां पर उन्होंने उन्होंने नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में एक रैली में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने असम में हुए बीते समय हिंसा को लेकर मोदी सरकार और आरएसएस पर जमकर निशाना साधा।