रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की पहल से 82 दिन बाद विदेश से लौटा भारतीय कामगार का श’व

चीन से दुनियाभर के कई देशों में फैले कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन लगाया गया है। वहीं इस कोरोना वायरस कहर के बीच दक्षिण अफ्रीका में रहने वाले एक भारतीय कामगार की मौ’त ही गयी थी। जिसके कारण उनकी मौत के 82 दिनों के बाद राजनाथ सिंह की मदद से इस भारतीय नागरिक का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव लाया गया है।

दरअसल, महातिम विश्वकर्मा अफ्रीकी देश गैबॉन की राजधानी लिब्रेविल की एक माइनिंग कंपनी में काम करते थे। वहीं काम के दौरान यहां पर दुर्घटना हो गयी। जिसके कारण 2 अप्रैल को उनकी मौ’त हो गई। जिसके बाद कम्पनी के मैनेजर ने उनके घरवालों को सूचना दी कि मेडिकल और अन्य कागजी कार्यवाही के बाद उनके बेटे का श’व सुरक्षित रख लिया गया है। लेकिन कोरोना कहर के कारण लगे लॉकडाउन की वजह  शव भारत नहीं आ पाया और महातिम विश्वकर्मा के घरवाले भी अफ्रीका नहीं जा पाए। वहीं इसके बाद परिजनों ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मदद की गुहार लगाई।

वहीं राजनाथ सिंह ने इस मामले में विदेश मंत्रालय का सहयोग लिया और 82 दिनों के बाद राजनाथ सिंह की मदद से महातिम विश्वकर्मा के श’व को वापस भारत लाया गया। इसी के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की कोशिशों के कारण ने महातिम विश्वकर्मा जिस कंपनी में काम करता था उस कंपनी ने महातिम विश्वकर्मा  के परिवार को 20 लाख रुपए का मुआवजा भी दिया है। बता दें, महातिम विश्वकर्मा अपने पीछे पत्नी और दो बच्चों को छोड़ गए हैं।

इसी के साथ महातिम विश्वकर्मा परिजनों ने राजनाथ द्वारा की गयी इस मदद को लेकर राजनाथ सिंह और भारत सरकार का आभार जताया है।

आपको बता दें, कोरोना वायरस के कारण कारण लगे लॉकडाउन की वजह से सभी ददेशों की यात्रा रद्द कर दी गयी है। जिसके कारण महातिम विश्वकर्मा का शव भारत लाने में देरी हुई।