नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। हालांकि उन्होंने कहा है कि वे कांग्रेस में बने रहेंगे। सिद्धू ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे खत में कहा कि वे कांग्रेस पार्टी के सदस्य बने रहेंगे।
वहीं अब नवजोत सिंह सिद्धू के पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने पर पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपनी पहली प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने अपने अधिकारिक ट्वीटर हैंडल से ट्वीट कर बिना नाम लिए कहा कि मैंने आप लोगों से कहा था…वह स्थिर व्यक्ति नहीं है और पंजाब के सीमावर्ती राज्य के लिए उपयुक्त नहीं है।
I told you so…he is not a stable man and not fit for the border state of punjab.
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) September 28, 2021
आपको बता दें, इसी महीने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू संग चले लंबे विवाद के बाद अमरिंदर सिंह ने पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद कांग्रेस ने चरणजीत सिंह चन्नी को पंजाब का सीएम बनाया है। सीएम पद के बाद अब हो सकता है कि अमरिंदर सिंह कांग्रेस भी छोड़ दें। मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद अमरिंदर सिंह ने दर्द बयां करते हुए यह तक कहा था कि उन्होंने अपमानित महसूस किया था, जिसके बाद सीएम पद छोड़ने का फैसला लिया। अमरिंदर सिंह ने यह तक कहा था कि पंजाब चुनाव 2022 में अगर कांग्रेस जीतती भी है तो वह नवजोत सिंह सिद्धू को सीएम नहीं बनने देंगे। उन्होंने कहा था कि वह सिद्धू के खिलाफ मजबूत उम्मीदवार उतारेंगे. इससे कयास लगाए जा रहे थे कि वह पंजाब में अपनी अलग पार्टी भी बना सकते हैं।
वहीं अगर आज नवजोत सिंह सिद्धू के पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा पर बात करें तो नवजोत सिंह सिद्धू ने सोनिया गांधी को भेजी अपनी चिट्ठी में कहा है कि किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व में गिरावट समझौते से शुरू होती है, मैं पंजाब के भविष्य को लेकर कोई समझौता नहीं कर सकता हूं। इसीलिए मैं पंजाब प्रदेश अध्यक्ष के पद से तुरंत इस्तीफा देता हूं। माना जा रहा है कि इसके पीछे कुछ महत्वपूर्ण वजह हैं।
बता दें, जब पंजाब में मंत्रियों के नाम तय किए गए तब राहुल गांधी ने पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के बातचीत कर इसका फैसला किया। इसमें कहीं भी नवजोत सिंह सिद्धू को शामिल नहीं किया गया। पहले दिन की मीटिंग में उन्हें जरूर बुलाया गया लेकिन जब राहुल गांधी शिमला से लौटकर आए तब की मीटिंग में सिद्धू को शामिल नहीं किया गया। दूसरी वजह ये भी मानी जा रही है कि सीएम चन्नी ने जिन भी लोगों के नाम तय करने शुरू किए चाहे वो डीजीपी हों या एडवोकेट जनरल हों, इसमें भी सिद्धू की नहीं मानी गई।