खत्म होने की कगार पर करियर, फिर भी भारत के ये पांच क्रिकेट खिलाड़ी नहीं ले रहे सन्यास का नाम

समय के साथ सब कुछ बदलता जाता है। जैसे टीम इंडिया में लगातार नयी एवं युवा प्रतिभाओं को मौका दिया जाता है। इनके शानदार प्रदर्शन की वजह से कई फॉर्म से बाहर चल रहे सीनियर खिलाड़ियों की टीम में वापसी खतरे में पड़ जाती है। भारतीय क्रिकेट टीम में सेलेक्शन होना जितना मुश्किल माना जाता है, उससे कई गुना ज्यादा मुश्किल खुद को टीम में बरकरार रखना होता है। टीम के बाहर भी कई ऐसे खिलाड़ी होते हैं, जो अपने बेहतरीन प्रदर्शन के दम पर तगड़ा कॉम्पिटिशन देते हैं। आज के इस आर्टिकल में हम आपकों बताने वाले हैं भारत के उन 5 खिलाड़ियों के बपारे में, जिनका टेस्ट करियर लगभग खत्म हो गया है। बावजूद इसके इन खिलाड़ियों ने अब तक सन्यास का ऐलान नहीं किया है। ये हैं वो पांच खिलीड़ी…..

  1. मुरली विजय

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भारत के लिए टेस्ट डेब्यू करने के बाद से मुरली विजय ने कई सालों तक टीम इंडिया के लिए शानदार प्रदर्शन किया है। मुरली विजय आखिरी बार साल 2018 के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा थे। उस दौरे पर मुरली विजय का प्रदर्शन कुछ खास नहीं था, जिस कारण उन्हें टीम से बाहर निकाल दिया गया था। ज्ञात हो कि मुरली विजय ने अपना टेस्ट डेब्यू नवंबर 2008 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ किया था और अपना आखिरी मैच भी उन्होंने दिसंबर 2018 में ऑस्ट्रेलिया के लिए ही खेला था। मुरली विजय के टेस्ट करियर की बात की जाए तो उन्होंने 61 टेस्ट मैचों में 38.29 की औसत के साथ 3,982 रन अपने खाते में जोड़े हैं। इस दौरान उनके बल्ले से 12 शतक और 15 अर्धशतक निकले थे। 37 वर्षीय मुरली विजय की टीम में जगह बन पाने की उम्मीद ना के बराबर है। इसका मुख्य कारण है कि वो घेरलू क्रिकेट भी नहीं खेल रहे हैं।

2. करुण नायर

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जब करुण नायर ने इंग्लैंड के खिलाफ चेन्नई में तिहरा शतक जड़ा था, तब ऐसा लग रहा था कि करुण नायर लंबी रेस का घोड़ा हैं, लेकिन ऐसा देखने को नहीं मिला. तिहरा शतक बनाने के बाद वो कभी भी अच्छा प्रदर्शन करने में सफल नहीं हो सके। इसलिए उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया। करुण नायर ने अपना टेस्ट डेब्यू इंग्लैंड के खिलाफ नवंबर 2016 में किया था और उसके बाद वो आखिरी बार ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मार्च 2017 में खेलते हुए दिखाई दिए थे। उन्होंने अपने करियर में मात्र 6 टेस्ट मैच ही खेले हैं और 62.33 की औसत के साथ 374 रन बनाए हैं। टेस्ट में उनका हाई स्कोर 303 रन है।

  1. शिखर धवन

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साल 2013 में शिखर धवन ने ऑस्ट्रलिया के खिलाफ अपने डेब्यू मैच में ही शतकीय पारी खेल दी थी, लेकिन इंग्लैंड में 2018 के दौरे पर खराब फॉर्म के कारण उन्हें टीम से बाहर निकाल दिया गया। धवन के टेस्ट करियर की बात की जाए तो उन्होंने भारत के लिए अभी तक 34 टेस्ट खेले हैं और 40.61 की औसत के साथ 2,315 रन अपने नाम किए हैं। इस दौरान उनके बल्ले से और 7 शतक और 5 अर्धशतक देखने को मिले। उनका हाई स्कोर 190 रन है। धवन अब 36 साल के हो चुके हैं और टेस्ट क्रिकेट में बतौर सलामी बल्लेबाज उनके लिए जगह खाली नहीं है और अब टेस्ट क्रिकेट में दोबारा खेलने की उम्मीद बहुत कम है।

  1. ऋद्धिमान साहा

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ऋद्धिमान साहा बहुत अच्छे विकेटकीपर हैं। हालांकि, टेस्ट क्रिकेट में उन्हें खेलने का मौका नहीं मिल पाया है। उन्होंने 2010 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट में अपना डेब्यू किया था. उसके बाद से अब तक वो सिर्फ 40 टेस्ट मैच ही खेल पाए हैं। 37 साल के ऋद्धिमान साहा को लेकर भारतीय टीम मैनेजमेंट ने चयनकर्ताओं को कह दिया है कि साहा उनके भविष्य की योजनाओं में शामिल नहीं होंगे। उन्हें श्रीलंका के खिलाफ हुई टेस्ट सीरीज से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। अब यह खिलाड़ी दोबारा टेस्ट टीम में वापसी कर पाए इसकी उम्मीद लगभग खत्म हो चुकी है। साहा ने 40 टेस्ट में 29.41 की औसत के साथ 1,353 रन बनाए हैं। इस दौरान उनके बल्ले से 3 शतक और 6 अर्धशतक देखने को मिले हैं।

  1. इशांत शर्मा
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Cricket – New Zealand v India – First Test – Basin Reserve, Wellington, New Zealand – February 22, 2020 India’s Ishant Sharma during the match REUTERS/Martin Hunter

टीम इंडिया के तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा का भी टेस्ट करियर लगभग खत्म हो गया है। ईशांत शर्मा आखिरी बार न्यूजीलैंड के खिलाफ नवंबर 2021 में खेले गए कानपुर टेस्ट में नजर आए थे। उस मैच में वह एक भी विकेट हासिल नहीं कर पाए थे। न्यूजीलैंड के खिलाफ नवंबर 2021 में खेले गए कानपुर टेस्ट के बाद ईशांत शर्मा को फिर कभी टीम इंडिया में खेलने का मौका नहीं दिया गया है। टीम इंडिया में लगातार कॉम्पिटिशन बढ़ रहा है। शमी, बुमराह और सिराज जैसे गेंदबाज टेस्ट फॉर्मेट में अच्छा कर रहे हैं। ऐसे में टीम इंडिया से इशांत शर्मा का पत्ता कट गया है। ईशांत 100 से अधिक टेस्ट खेल चुके हैं, जिसमें उन्होंने 311 विकेट अपने नाम किये हैं। आईपीएल में भी उन्हें मौका नहीं मिल रहा है। इस बात से साफ होता है कि अब इस खिलाड़ी के पास सिर्फ संन्यास का ऑप्शन ही बचा है।