भारतीय क्रिकेट टीम के हेड कोट राहुल द्रविड़ के साथ अपनी पहली मुलाकात की यादें शेयर करते हुए अनुभवी बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने उनकी जम कर तारीफ की है। चेतेश्वर पुजारा ने इस दौरान कहा कि 2012 में द्रविड़ के संन्यास लेने के बाद भी उन्होंने उनसे बहुत कुछ सीखा है। गौरतलब है कि दाएं हाथ के बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने टेस्ट क्रिकेट में सफलतापूर्वक नंबर 3 का स्थान हासिल किया और उन्हें भारत की अगली दीवार कहा गया है।
राहुल द्रविड़ को अब तक के सर्वश्रेष्ठ टेस्ट खिलाड़ियों में से एक माना जाता है। उन्होंने कठिन परिस्थितियों में शानदार प्रदर्शन करते हुए भारतीय टीम को कई मैचों में जीत दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस पूर्व दिग्गज क्रिकेटर ने भारत को 164 टेस्ट मैचों में रिप्रेजेंट करते हुए 52.31 की औसत के साथ 13,288 रन बनाये हैं। इस दौरान उन्होंने 36 शतक, 5 दोहरे शतक और 63 अर्धशतक लगाये हैं।
इसके अलावा राहुल द्रविड़ ने 344 वनडे मैच खेले हैं, जिनमें उन्होंने 39.17 की औसत के साथ 10,889 रन बनाये हैं। वनडे में उनके नाम 12 शतक और 83 अर्धशतक दर्ज है। संन्यास लेने के बाद राहुल द्रविड़ कोचिंग के जरिये क्रिकेट से जुड़े रहे और उन्हें पिछले साल के अंत में भारतीय टीम का हेड कोच बनाया गया।
चेतेश्वर पुजारा भारतीय क्रिकेट टेस्ट टीम का अहम हिस्सा
इस बीच पुजारा भी भारतीय क्रिकेट टेस्ट टीम का अहम हिस्सा बन गए हैं और 7,000 इंटरनेशनल रन के आंकड़े के काफी करीब हैं। उन्होंने कहा कि 2007 में राजकोट में उनसे मिलने के बाद से द्रविड़ उनकी प्रेरणा रहे हैं। पुजारा ने मीडिया से बात करते हुए कही कि “राहुल भाई हमेशा मेरे लिए प्रेरणा रहे हैं।
जब मैं उनसे पहली बार 2007 में मिला था, तब वह भारतीय टीम की कप्तानी कर रहे थे। वह राजकोट आया थे। एक छोटे बच्चे के रूप में वह उनके साथ मेरी पहली बातचीत थी। उसके बाद, मैं हमेशा उनके संपर्क में रहा। मैंने एक क्रिकेटर के रूप में उनसे बहुत सी चीजें सीखीं। जब मैं उनके साथ खेल रहा था और उनके संन्यास लेने के बाद और भारतीय टीम को कोचिंग देने के बाद भी, वह हमेशा मददगार रहे हैं।”
राहुल भाई के साथ काम करना हमेशा अच्छा होता है
पुजारा ने आगे कहा, “वह हमेशा चीजों को सरल रखते हैं, उनके पास बल्लेबाजी के बारे में बहुत अच्छे विचार हैं, वह चीजों को मुश्किल नहीं बनाते हैं। उनसे सीखना हमेशा अच्छा होता है। राहुल भाई के साथ काम करना हमेशा अच्छा होता है।”
34 वर्षीय बल्लेबाज ने आखिरी बार जनवरी 2019 में शतक बनाया था। इस साल की शुरुआत में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 2-1 से सीरीज हारने के बाद उनके खराब प्रदर्शन के चलते उन्हें टेस्ट टीम से बाहर कर दिया गया था। हालांकि, पुजारा ने कड़ी मेहनत की और रणजी ट्रॉफी 2022 और काउंटी क्रिकेट दोनों में लगातार रन बनाए और इंग्लैंड के खिलाफ पिछले साल के बचे हुए अंतिम टेस्ट मैच के लिए भारतीय टीम में जगह बनाई।
पुजारा के टेस्ट करियर की बात की जाए तो उन्होंने भारत के लिए 95 टेस्ट मैच खेले है और 43.88 के औसत की मदद से 6713 रन अपने खाते में जोड़े है। इस दौरान उनके बल्ले से 18 शतक, 3 दोहरे शतक और 32 अर्धशतक देखने को मिले है। इसके अलावा दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने भारत के लिए 5 वनडे मैच खेले है और 51 रन अपने नाम किये है। उन्होंने आखिरी वनडे 19 जून 2014 को बांग्लादेश के खिलाफ खेला था।