आईसीसी T-20 वर्ल्ड कप टूर्नामेंट आज के फाइनल मुकाबले के साथ समाप्त हो जाएगा। यूएई में लगभग एक महीने से खेला जा रहा वर्ल्ड कप में कई रोमांच क्रिकेट प्रेमियों को देखने को अब तक मिले हैं। ऐसे में आज 14 नवंबर को इस फाइनल मुकाबले में दो बचपन के दोस्त आमने-सामने होंगे।
हम बात कर रहे हैं यहां पर न्यूजीलैंड की तरफ से इस मुकाबले में उतरने वाले डेरिल मिशेल की और ऑस्ट्रेलिया की तरफ से खेलने वाले मार्कस स्टोइनिस की दोनों क्रिकेटरों ने अपने बचपन के समय में स्कूली क्रिकेट एक ही टीम से साथ साथ खेली है। मगर बाद में कैरियर को देखते हुए क्रिकेट खेलने के लिए दोनों ने अलग-अलग रास्ते चुन लिए हैं।
इस वर्ल्ड कप के फाइनल में आज मैदान में उतरने वाली दोनों टीमें ग्रुप चरण में शानदार प्रदर्शन की बदौलत यहां तक पहुंची है न्यूजीलैंड ने सेमीफाइनल मुकाबले में इंग्लैंड को हरा कर तो वहीं ऑस्ट्रेलिया की टीम में पाकिस्तान को मात देकर फाइनल का सफर तय किया है।
दोनों ने टीम को दिलाया था ख़िताब आज हैं आमने- सामने
आपको बता दें कि डेरिल मिशेल, मार्कस स्टोइनिस और ऑस्ट्रेलिया के पूर्व खिलाड़ी जस्टिन लैंगर के साथ स्कोरबोरो फर्स्ट क्लास की प्रीमियम की खुशी मना रहे थे। जस्टिन लैंगर अपने दोनों साथियों को 10 साल से भी ज्यादा समय बीत जाने के बाद खिताब के लिए अलग-अलग टीमों से खेलते हुए देखेंगे।
डेरिल मिशेल और मार्कस स्टोइनिस ने स्कोरबोरो के लिए सेमीफाइनल और फाइनल मुकाबले में बैट और बाल से मैच विनिंग परफॉर्मेंस की थी। सेमीफाइनल में मार्कस स्टोइनिस ने बल्ले से जलवा बिखेरते हुए 189 रन बनाए थे तो वही डेरिल मिशेल ने 26 रन देकर चार विकेट झटके थे। इन दोनों खिलाड़ियों के शानदार परफारमेंस के बलबूते स्कारबोरो ने बेजवाटर-मॉर्ले को हराकर प्रीमियरशिप ट्रॉफी जीती थी।
कंगारू का कीवियों से बेहतर है रिकॉर्ड
अगर T-20 फॉर्मेट की बात करें तो न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया T-20 इंटरनेशनल मुकाबलों में 14 दफा एक दूसरे के सामने हुई हैं। जिनमें से 9 बार ऑस्ट्रेलिया की टीम ने कीवियों को पटखनी देने में कामयाब हुई है। जबकि न्यूजीलैंड की टीम सिर्फ 5 मुकाबलों में ही कंगारुओं को मात दे पाई है।
कीवियों के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया का रिकॉर्ड बेहतर रहा है। आरोन फिंच की अगुवाई वाली टीम का जीत का प्रतिशत 64.28 है। इसके साथ ही आज के मुकाबले के बाद एक नई टीम को चैंपियन बनने का अवसर मिलेगा कौन सी होगी वह नई टीम अभी यह कहना मुश्किल है।