उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के परिवार से जुडी एक खबर सामने आई है। खबर है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी के पिता आनंद सिंह बिष्ट का नि’धन हो गया।
सीएम योगी आदित्यनाथ के पिता का नि’धन 89 साल की उम्र में हुआ है। वो कई समय से दिल्ली के ए’म्स में भ’र्ती थे और यहां पर उनका इ’लाज चल रहा था। ए’म्स के डॉ’क्टरों के मुताबिक, उन्हें कि’डनी और लि’वर की सम’स्या थी जिस वजह से उनकी हा’लत गं’भीर बनी हुई थी और कई दिनों से वेंटि’लेटर पर थे। जिसके बाद आज उन्होंने सोमवार सुबह 10 बजकर 40 मिनट पर अं’तिम सां’स ली।
CM Yogi Adityanath's father left for his heavenly abode at 10.44 am. Our deepest condolences: State Additional Chief Secretary (Home) Awanish K Awasthi (in file pic – Additional Chief Secretary Home) pic.twitter.com/vG6hUqDBch
— ANI UP (@ANINewsUP) April 20, 2020
जानकारी के अनुसार आनंद सिंह बिष्ट को पिछले महीने मार्च में ए’म्स में भ’र्ती कराया गया था। वहीं यहां पर एक महीने से गे’स्ट्रो विभाग के डॉ’क्टर उनका इ’लाज कर रहे थे। उन्हें यहां पर आइ’सीयू में भ’र्ती किया गया था और उनका डाय’लिसिस भी चल रहा था। वहीं अ’चानक से उनकी तबि’यत ज्यादा ख’राब होने के कारण सोमवार सुबह उनका नि’धन हो गया।
वहीं अब आनंद सिंह बिष्ट के पा’र्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव पंचूर (उत्तराखंड) ले लाया जा रहा है। इसकी तैयारी की जा रही है। कहा जा रहा है कि श’व सोमवार को ही उन्हें उत्तराखंड ले जाया जाएगा। सीएम योगी आदित्यनाथ के पिता आनंद सिंह बिष्ट बतौर फॉ’रेस्ट रें’जर अपनी सेवाएं दे चुके थे। सेवानिवृत्ति के बाद से वह अपने पैतृक गांव में रह रहे थे। वहीं सीएम योगी आदित्यनाथ को भी उनके पिता की मौ’त की जानकारी दे दी गयी है और जिस समय उन्हें ये जानकारी दी गयी वो कोरोना सं’कट पर बनी टीम-11 की मीटिंग कर रहे थे। खबर मिलने के बाद भी मीटिंग को रोका नहीं गया है।
इसी बीच खबर यह भी आ रही है कि पिता के अं’तिम सं’स्कार में सीएम योगी आदित्यनाथ नहीं जाएंगे। वे लॅाक’डाउन खत्म होने के बाद घऱ जाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पिता के अं’तिम द’र्शन की हार्दिक इच्छा थी, लेकिन कोरोना को ह’राने की ल’ड़ाई की वजह से वे घर नहीं जाएँगे। आपको बता दें, योगी आदित्यनाथ बचपन में ही अपना परिवार छोड़’कर गोरखपुर महंत अवेद्यनाथ के पास चले आए थे। जिसके बाद योगी आदित्यनाथ ने महंत के रूप में अवेद्यनाथ की जगह ली। योगी आदित्यनाथ सं’न्यासी होने की वजह से अपने माता-पिता से कम ही मिलते थे।