इस समय भारत कोरोना से कहर से जूझ रहा है। इस कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन लगाया गया है वहीं इस लॉकडाउन के बीच कई हज़ार मजदूर पैदल ही घर की और निकल गये हैं वहीं अब इन सभी को लेकर देश में राजनीति शुरू हो गयी है। इसी बीच रायबरेली से कांग्रेस की विधायक अदिति सिंह ने ही इस पूरे मामले को लेकर अपनी पार्टी कांग्रेस की कड़ी आलोचना की है।
दरअसल, लॉकडाउन की वजह से कई मजदूर नोएडा-गाजियाबाद में यूपी के बॉर्डर पर फंसे हैं। इसी बीच इन मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिये कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने योगी सरकार को 1000 बसें चलाने का प्रस्ताव भेजा था। योगी सरकार ने इसे मंजूरी दी और बसों की पूरी सूची मांगी। लेकिन जाँच के बाद योगी सरकार ने कहा कि इस लिस्ट में शामिल बसों के नंबर टू-व्हीलर और थ्री व्हीलर के है। वही इस मामले कांग्रेस और योगो सरकार पर विवाद शुरू हो गया।
वहीं रायबरेली से कांग्रेस की विधायक अदिति सिंह ने ही इस मामले को लेकर कहा है कि ये क्रूर मजाक है। अदिति सिंह ने ट्वीट में लिखा है, ‘आपदा के वक्त ऐसी निम्न सियासत की क्या जरूरत, एक हजार बसों की सूची भेजी, उसमें भी आधी से ज्यादा बसों का फर्जीवाड़ा, 297 कबाड़ बसें, 98 ऑटो रिक्शा व एबुंलेंस जैसी गाड़ियां, 68 वाहन बिना कागजात के, ये कैसा क्रूर मजाक है, अगर बसें थीं तो राजस्थान, पंजाब, महाराष्ट्र में क्यूं नहीं लगाई।’
आपदा के वक्त ऐसी निम्न सियासत की क्या जरूरत,एक हजार बसों की सूची भेजी, उसमें भी आधी से ज्यादा बसों का फर्जीवाड़ा, 297 कबाड़ बसें, 98 आटो रिक्शा व एबुंलेंस जैसी गाड़ियां, 68 वाहन बिना कागजात के, ये कैसा क्रूर मजाक है, अगर बसें थीं तो राजस्थान,पंजाब, महाराष्ट्र में क्यूं नहीं लगाई।
— Aditi Singh (@AditiSinghINC) May 20, 2020
इसी के साथ विधायक अदिति सिंह ने योगी सरकार का समर्थन करते एक ट्वीट में लिखा कि कोटा में जब UP के हजारों बच्चे फंसे थे तब कहां थीं ये तथाकथित बसें, तब कांग्रेस सरकार इन बच्चों को घर तक तो छोड़िए, बॉर्डर तक ना छोड़ पाई, तब श्री योगी अदित्यनाथ जी ने रातों-रात बसें लगाकर इन बच्चों को घर पहुंचाया, खुद राजस्थान के सीएम ने भी इसकी तारीफ की थी।’
आपदा के वक्त ऐसी निम्न सियासत की क्या जरूरत,एक हजार बसों की सूची भेजी, उसमें भी आधी से ज्यादा बसों का फर्जीवाड़ा, 297 कबाड़ बसें, 98 आटो रिक्शा व एबुंलेंस जैसी गाड़ियां, 68 वाहन बिना कागजात के, ये कैसा क्रूर मजाक है, अगर बसें थीं तो राजस्थान,पंजाब, महाराष्ट्र में क्यूं नहीं लगाई।
— Aditi Singh (@AditiSinghINC) May 20, 2020
आपको बता दें, देश में कोरोना वायरस से कगे लॉकडाउन की वजह से सभी सेक्टर का कम बंद ही गया है जिसकी वजह से दूसरे राज्य से आए मजदूर आपने घर की और पैदल जा रहे हैं. क्योंकि लॉकडाउन की वजह से उन्हें काम नही मिल रहा है साथ ही उनके पास पैसे भी नहीं है जिसकी वजह से उनके पास अपने घर पैदल जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।