New Delhi: इस समय पूरी दुनिया कोरोना वायरस के आंतक को देश देखकर कांप रही है। चीन से पूरी दुनिया में फैला कोरोना वायरस अब भारत में अपने पैर पसार रहा है। भारत और दुबई सहित कई देशों ने नेशनल और इंटरनेशनल फ्लाइट्स सेवाओं को पूरी तरह से बंद कर दिया है। जिसके चलते कई देशों की कई फ्लाइट्स भी कैंसिल हो गई है। इस तरह अचानक कई देशों की उड़ानों के बंद हो जाने के कारण कई लोग अलग अलग देशों और उसके हवाई अड्डों में फंस गए हैं। इसी तरह, अबू धाबी से अपने दादा-दादी के साथ छुट्टियां बिताने जाने वाली एक 7 साल की बच्ची गोडिवा गेर्टके जर्मनी में फंस गई थी और एक महीने तक अपने परिवार से दूर रही।
दोनों देशों के दूतावास अधिकारियों की पहल की वजह से 7 साल की लड़की अपने परिवार से फिर से मिल गई। गोडिवा की मां विकटोरिया गर्टके ने खलीज टाइम्स को बताया कि “एक महीने के बाद उसे देखना अविश्वसनीय था। हम उसके घर वापस आने से बहुत खुशी महसूस कर रहे हैं। हम इस देश को कभी नहीं छोड़ना चाहते हैं। पूरी प्रक्रिया के दौरान हर कोई इस तरह की देखभाल कर रहा था। हम इस देश के साथ प्यार में हैं, और यह जानने के लिए कि सरकार अपने नागरिकों की जितनी देखभाल करती है, हमारे पास उतना ही कारण है। इस देश से प्यार करने के लिए।”
साल 2018 में गोडिवा की मां विकटोरिया गर्टके अपने पति एलन के साथ UAE आई थी। गोडिवा अपने दादा-दादी के साथ छुट्टियां बिताने के लिए जर्मनी गई थीं और 22 मार्च को लौटने वाली थीं। लेकिन उसकी यात्रा की योजना ने एक अलग मोड़ ले लिया जब 16 मार्च को कोविद -19 के वैश्विक प्रसार के कारण जर्मनी ने अपनी बोडर को बंद कर दिया। उसके बाद यूएई ने भी अपनी सभी इनबाउंड और आउटबाउंड हवाई यात्रा को बंद करने का निर्णय ले लिया।
“हम बहुत हताश थे। मैंने सभी हेल्पलाइन को फोन करना शुरू कर दिया क्योंकि हमें यकीन था कि उसके लिए एक छूट होगी।” मां ने कहा कि वो जर्मन एम्बीसी और अमीरात अधिकारियों के संपर्क में थीं, जिन्होंने मदद करने के लिए कदम बढ़ाया। गर्टेके ने अपनी बेटी का मामला यूएई विदेश मंत्रालय को बताया। जिसके बाद बच्ची को उसके परिवार से मिलाया।