New Delhi: अक्सर आपने लोगों को भारत से पढ़-लिखकर अमेरिका जाकर खुशहाल जिंदगी जीते हुए देखा होगा। लेकिन अगर हम कहे कि कोई व्यक्ति अमेरिका में अपनी हंसती-खेलती जिंदगी को छोड़कर भारत में खेती कर रहा हैं, तो क्या आप ये बात मानेंगे। जाहिर हैं कि आपको इस बात पर जरा सा भी यकीन नहीं होगा। लेकिन हम जो ये कह रहे हैं वो पूरी तरह से सच रहे हैं, दरअसल अमेरिका में प्रोफेसर की पोस्ट पर रही अपराजिता और सीनियर सॉफ्टवेयर डेवलपर रहे देबल ने अमेरिका की खुशहाल जिंदगी छोड़कर भारत में खेती कर रहे हैं।
अमेरिका जैसी जगह पर नौकरी करना हर किसी का सपना होता हैं लेकिन कोलकता की अपराजिता सेन गुप्ता और उनके पति देबल मजुमदार ने अमेरिका में अपनी अच्छी खासी नौकरी और काम को छोड़कर भारत के बंगाल के अपने गांव में अपनी दो एकड़ जमीन पर खेती कर चावल, दाल, सब्जियां और फल उगाते हैं, और इसी से उनकी सारी जरूरते पूरी हो जाती हैं। अपराजीता ने इंग्शिल में पीएचडी कर रखी है।
वहीं उनके पति सीनियर सॉफ्टवेयर डेवलपर है। अमेरिका में दोनों की बहुत ही अच्छी जॉब थी, लेकिन उन्हें वहां कि हाइफाइ जिंदगी बिल्कुल भई पसंद नहीं और वहां कि सब्जियां और फल उन्हें बिल्कुल भी खाए नहीं जाते थे, क्यों उनमें भर भरकर केमिकल मिलाया जाता था। जिसके बाद इन सभी चीजों से परेशान होकर वो लोग भारत वापस आ गए।
साल 2011 में दोनो पति-पत्नी भारत वापस आए और कोलकाता के पास ठाकुरपुर में दो एकड़ ज़मीन खरीद ली जिसके बाद वहीं उन्होंने वहीं अपना घर बनवाया रहने लगे। जिसके बाद पत्नी अपराजिता और पति देबल ने वहीं अपनी जमीन पर प्राकृतिक तरीके की खेती करना शुरू किया। अपनी इस प्राकृतिक तरीके की खेती को उन्होंन ‘स्मेल ऑफ द अर्थ’ का नाम दिया।
अपराजिता और देबल ने बताया कि अब वो वीकेंड पर घर की शॉपिंग की जगह पर फसलों कि कटाई करते हैं। अपने इस नेचुरल स्टाइल खेती को ज्यादा से ज्यादा किसानों तक पहुंचाने के लिए लोगों को 29 फरवरी से लेकर 9 मार्च तक नैचुरल फार्मिंग की ट्रेनिंग दे रहे हैं, जिसे भी ये सीखना हैं वो उनकी इस ट्रेनिंग को जॉईन कर सकता है। इन दोनों का कहना हैं कि अपने बच्चों को मंहगे खिलौने दिलाने से कुछ हासिल नहीं होगा बल्कि अगर हम शुद्ध खान-पान दे तो उससे अच्छा और क्या है।