क्यों होते हैं टीम इंडिया की जर्सी पर 3 स्टार, बेहद दिलचस्प है इसके पीछे की कहानी

क्रिकेट के शुरुआती दौर इसे सफेद कपड़ों में और लाल गेंद से खेला जाता था। धीरे-धीरे चीजें बदली। समय के साथ क्रिकेट की कई नियमों में बदलाव होते रहते हैं। मगर टेस्ट क्रिकेट खेलने के दौरान सभी टीमें सफेद रंग की जर्सी में ही नजर आती हैं। इसके बाद एकदिवसीय क्रिकेट में खिलाड़ियों को अलग-अलग रंग की विभिन्न जर्सी पहनने को मिली समय-समय पर सभी टीमें अपनी अपनी जर्सियों में आवश्यक बदलाव भी करती रहती है। मगर इस आर्टिकल के माध्यम से हम आज बात करेंगे टीम इंडिया के जर्सी के रंग की और जर्सी पर बने तीन तारे के बारे में।

शायद ही ऐसा कोई क्रिकेट प्रेमी हो जिस ने टीम इंडिया को नीले रंग की जर्सी में ना देखा हो। अगर आप क्रिकेट प्रेमी हैं तो आपने टीम इंडिया की जर्सी पर बनी बीसीसीआई के लोगो के ऊपर 3 स्टार जरूर देखे होंगे। इन तीनों तारों का अपना अलग-अलग महत्व है। भारतीय क्रिकेट टीम ने अब तक क्या कुछ हासिल किया है। यह उसका जीता जागता सबूत हैं।

दरअसल हम आपको बता ही दें कि 3 स्टार टीम इंडिया की जर्सी पर क्यों है। ये तीनों स्टार भारत द्वारा क्रिकेट के विभिन्न फॉर्मेट में जीते गए विश्वकप की याद दिलाते हैं। भारत में अब तक 2 एकदिवसीय और एक टी-20 फॉर्मेट का विश्व कप अपने नाम किया है। इसीलिए भारत की जर्सी के लोगों के ठीक ऊपर तीन स्टार सुशोभित होते हैं।

वहीं आस्ट्रेलिया की टीम ने अब तक कुल 5 विश्वकप अपने नाम किए हैं ऐसे में उसकी जर्सी के लोगों के ऊपर 5 स्टार बने हुए हैं। बता दे कि जो भी टीम जितने भी बार विश्व कप जीती है उसकी जर्सी पर आपको उतने ही स्टार देखने को मिलेंगे।

कपिल देव ने जिताया था नामुमकिन वर्ल्ड कप

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भारतीय टीम ने सबसे पहले साल 1983 में कपिल देव की अगुवाई में वेस्टइंडीज को हराकर विश्व कप अपने नाम किया था। उस दौर में वेस्टइंडीज की टीम की क्रिकेट जगत में तूती बोलती थी। इस मुकाबले में टीम इंडिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए काफी कम रनों का स्कोर बनाया था जिसका पीछा करते हुए वेस्टइंडीज की टीम पहले ही ऑल आउट हो गई थी।

विश्व कप के फाइनल मुकाबले में भारत के कप्तान कपिल देव ने विवियन रिचर्ड्स का कैच पकड़कर मैच को भारत की तरफ मोड़ दिया था। और आखिरी तक भारत मुकाबला जीतने में कामयाब हुआ था।

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धोनी की अगुवाई में भारत ने जीता था दूसरा एक दिवसीय वर्ल्ड कप

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इसके बाद साल 2011 में महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई में भारतीय टीम ने घरेलू सरजमीं पर सचिन और सहवाग जैसे स्टार खिलाड़ियों की मौजूदगी में श्रीलंका को हराकर विश्वकप अपने नाम क्या था। इस टूर्नामेंट में भारत की तरफ से शानदार प्रदर्शन करने वाले युवराज सिंह को प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट का खिताब भी मिला था।

T20 वर्ल्ड कप का पहला संस्करण : भारत ने खिताबी मुकाबले में पाकिस्तान को चटाई थी धूल

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जबकि अगर बात करें टी-20 विश्व कप के पहले संस्करण की तो भारत ने एमएस धोनी की कप्तानी में साल 2007 में पाकिस्तान को हराकर खिताब पर कब्जा जमाया था। T20 विश्वकप फॉर्मेट के पहले संस्करण में भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ खेलते हुए t20 विश्व कप जीता था। इस मुकाबले में जोगिंदर शर्मा की गेंद पर श्रीसंत द्वारा पाकिस्तान के कप्तान मिस्बा का कैच पकड़ना भला कौन भूल सकता है।

इसी कैच की बदौलत भारत की झोली में टी-20 फॉर्मेट का पहला विश्वकप खिताब आया था। इसलिए अब तक भारत की जर्सी पर दो वनडे विश्वकप और एक टी-20 वर्ल्ड कप अपने नाम करने के लिए तीन सितारे सुशोभित हो रहे हैं। यदि भविष्य में टीम इंडिया विश्व कप का खिताब अपने नाम करती है तो उसके लिए उसकी जर्सी पर सितारों की संख्या पहले की अपेक्षा बढ़ जाएगी।

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