आमतौर पर आपने ऐसे कई डॉक्टरों के बारे में सुना होगा, जो मरीजों का इलाज निस्वार्थ भाव से करते हैं। इसके अलावा कुछ ऐसे भी डॉक्टर होते हैं जो इलाज का पैसा तक मरीज से नहीं लेते हैं और लोगों की सेवा करते हैं। ऐसी ही एक लेडी डॉक्टर है, जो अपने अस्पताल में पैदा हुई किसी भी बेटी के जन्मदिन पर पूरे अस्पताल में मिठाई बाटंती है। इतना ही नहीं वे फीस भी नहीं लेती हैं।
जी हां दोस्तों, हम बात कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले की डॉक्टर शिप्रा धर की,जो पिछले कई सालों से डॉक्टर की प्रैक्टिस कर रही हैं। जब भी उनके नर्सिंग होम में किसी भी दंपत्ति को बेटी होती है तो वह इसके बदले पैसा नहीं लेती। इतना ही नहीं वह पूरे अस्पताल में मिठाइयां बांटती हैं और खुशियां मनाती हैं। बताया जाता है कि वाराणसी जिले की डॉक्टर शिप्रा धर के अस्पताल में करीब 100 बेटियों ने जन्म लिया और अब तक उन्होंने किसी से पैसे नहीं लिया।
उनकी इसी खूबी पर कई लोग उनकी जमकर प्रशंसा करते हैं और उनके इस सराहनीय कदम को एक उदाहरण को तौर पर पैश करते हैं। वही डॉक्टर शिप्रा धर के इस काम को उनके पति भी बखूबी साथ देते हैं।बता दें, डॉक्टर शिप्रा का नर्सिंग होम वाराणसी के पहाड़िया के अशोक नगर इलाके में स्थित है। यहां पर उनके नर्सिंग होम को काशी मेडिकेयर के नाम से जाना जाता है। वे यहां पर बेटी पैदा होने पर फीस नहीं लेती। इतना ही नहीं बेड चार्ज तक का भी पैसा वह नहीं लेती है। मालूम हो कि, डॉक्टर शिप्रा की ओर से उनके अस्पताल में बेटी पैदा होने की स्थिति में कोई फीस न लेने की जानकारी जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हुई तो वे भी भी काफी प्रभावि हुए।
इसको लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाद में मंच से अपने संबोधन में देश के सभी डॉक्टरों को आह्वान करते हुए कहा कि वे हर महीने की 9 तारीख को जन्म लेने वाली बच्ची की कोई फीस ना लें। इससे बेटी ब’चाओ और बेटी पढ़ाओ की मुहिम को बल मिलेगा। वहीं डॉ. शिप्रा धर ने कहा कि बेटियों को हमारे देश में लक्ष्मी का दर्जा दिया गया। वे देश-विज्ञान तकनीक की राह पर भी तेजी से आगे बढ़ रही है। इसके बावजूद कन्या भ्रू’णह’त्या जैसे कु’कृ’त्य एक सभ्य समाज के लिए अभिशाप हैं। अगर बेटियों के प्रति समाज की सोच बदल सके तो वे खुद को सफल समझें।