पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक में अहम भूमिका निभाने वाले जनरल विपिन रावत आज सेना प्रमुख के पद से रिटायर हो चुके हैं। वे अब चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ यानि सीडीएस के पद का कार्यभार संभालेंगे, हालांकि इसके पहले वे आज राजधानी दिल्ली में वॅार मेमोरियल जाकर शहीदों के श्रद्धांजलि दी। इसके बाद उन्हें साउथ ब्लॉक में गॉर्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
अपने अंतिम विदाई संदेश में मीडिया से बात करते हुए जनरल बिपिन रावत ने देश के जवानों और उनके परिवार वालों को शुक्रिया कहा और नए साल की बधाई जवानों और देशवासियों को दी।
इसके साथ ही जनरल बिपिन रावत ने कहा कि, “चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ महज एक पद है, उस व्यक्ति को सेना के सभी जवान सहयोग करते हैं। उसी सहयोग से देश की सेना आगे बढ़ती है। बिपिन रावत सिर्फ एक नाम है। ये ओहदा तभी बढ़ता है जब वह चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ बनता है, सभी जवानों के साथ आने से ही सफलता मिलती है।”
Delhi: India’s first Chief of Defence Staff General Bipin Rawat receives his farewell Guard of Honour as the Army Chief at South Block. pic.twitter.com/bfpsdbbK1K
— ANI (@ANI) December 31, 2019
जानकारी के लिए आपको बता दें, बिपिन रावत देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बनाए गए हैं। इस पद पर बैठा शख्स की जिम्मेदारी तीनों सेनाओं से जुड़े मामलों में बतौर रक्षा मंत्री सलाह देना होता है। यह रक्षा मंत्री का प्रधान सलाहकार कहलाता है, हालांकि तीनों सेनाओं के प्रमुख रक्षा मंत्री को सैन्य मामलों से जुड़ी सलाह पहले की तरह देते रहेंगे।
बता दें, हाल ही में मोदी सरकार की तरफ से चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ पद की मंजूरी दी गई थी। यह शख्स बगैर रक्षा सचिव की मंजूरी के रक्षा मंत्री से सीधे मुलाकात कर सकता है और सैन्य से जुड़ी मामलों की जानकारी पर बातचीत कर सकता है।
मालूम हो कि इस साल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से सीडीएस का पद का ऐलान किया था। इस दौरान पीएम मोदी ने सैन्य सुधार की घोषणा करते हुए कहा था कि भारत की तीनों सेना के लिए एक प्रमुख होगा, जिसे चीफ ऑफ डिफेंस कहा जाएगा। उनकी घोषणा के बाद सीडीएस की नियुक्ति के और उसकी जिम्मेदारियों को अंतिम रूप देने के लिए अजीत डोभाल की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया था।