न कप्तान का पता, न ओपनर और न ही विकेटकीपर..आखिर कैसे 10 महीने बाद टीम इंडिया जीतेगी वनडे वर्ल्ड कप?

वन डे वर्ल्ड कप अगले साल अक्टूबर महीने से खेला जाना है। सारी टीम इस टूर्नामेंट के लिए जोर शोर से तैयारी कर रही है। पर एक तरफ टीम इंडिया की टीम है जो अभी तक एक टीम तैयार ही नहीं कर पाई है जिसको देख के लगे की वो टीम हमें वर्ल्ड कप दिला सकती है।

पिछले साल से टीम के साथ बस प्रयोग में प्रयोग किए जा रहे है। ओडीआई की ही कप्तानी इस साल तीन अलग अलग लोगो को दी जा चुकी है। के एल राहुल, रोहित शर्मा और शिखर धवन टीम इंडिया की अगुवाई कर चुके है।

1. ओडीआई कप्तान को लेकर मैनेजमेंट का स्टैंड क्लियर नहीं, ऐसे कैसे जीत पाएंगे वर्ल्ड कप

इस साल ओडीआई टीम की ज्यादातर जिम्मेदारी शिखर धवन के ऊपर रही। शिखर ने बतौर कप्तान कुछ अच्छे रिजल्ट्स भी दिए। पर टीम उन्हें रोहित शर्मा का विकल्प मानती है ऐसे में जब अंत में रोहित को ही ये कप्तानी देनी थी तो शिखर को पूरे साल ओडीआई टीम की जिम्मेदारी क्यों दी गई ये समझ से परे है।

लग रहा था की ओडीआई, टी 20I, टेस्ट के लिए अलग अलग टीमें तैयार की जा रही है। पर अब बांग्लादेश के खिलाफ ओडीआई में फिर से रोहित, के एल राहुल को बुला ये साफ कर दिया गया है कि अब टीम इंडिया में फिर बदलाव होंगे।

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2. ओपनर्स का पता नहीं, विकल्प कई सारे, पर फॉर्म या अनुभव किसको मिलेगा मौका समझ पाना मुश्किल

वहीं दूसरे तरफ ओपनर्स को लेकर भी अभी कोई स्यूरिटी नज़र नहीं आ रही। जहां इस साल शिखर धवन और शुभमन गिल ने ओडीआई में टीम की ओपनिंग की बागडोर संभाली है। पर रोहित और राहुल की वापसी से अब ये मुश्किलें बड़ जाएंगी।

जब अभी तक 10 महीने पहले तक ओपनर्स ही डिसाइड नहीं हो पाए है तो भारत किस तैयारी के साथ ओडीआई वर्ल्ड कप में जाना चाह रही है समझ नहीं आ रहा है। इस तरह से तो टीम बिलकुल भी वर्ल्ड कप नहीं जीत पाएगी।

3. विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत फ्लॉप, फिर भी संजू को मौका देने के लिए तैयार नहीं मैनेजमेंट

एक और पहलू है जहां टीम इंडिया की मुश्किल जस की तस बनी हुई है। विकेटकीपर ऋषभ पंत एक के बाद एक फ्लॉप परियां दे रहे है। पर उन्हें मौके पर मौके दिए जा रहे है। वहीं इन फॉर्म संजू सैमसन को टीम मौका देने की कोई मंशा नहीं दिखा रही है।

तीसरे विकेटकीपर ईशान को लेकर भी टीम का स्टैंड क्लियर नहीं है। ऐसी में टीम इंडिया के लिए कौन विकेटकीपर पद का प्रबल दावेदार होगा समझ पाना मुश्किल है। अगर जल्द से जल्द मैनेजमेंट ये सब साफ नहीं कर पाता है तो भारतीय टीम के लिए वर्ल्ड कप अपने नाम करना बहुत मुश्किल हो जायेगा।

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