भारत सरकार का बड़ा ऐलान, कुवैत में रहने वाले भारतीय कामगारों से नहीं लिया जाएगा आपा’तकालीन प्रमाण पत्र का शुल्क

दुनियाभर में कोरोना वायरस से कोहराम मचा हुआ है। इस कोरोना वायरस की वजह से सभी देशों ने लॉकडाउन का ऐलान किया है। जिसकी वजह से कई भारतीय लोग विदेशों में फंस गये हैं और जल्द से जल्द ओने घर जाना चाहते हैं। वहीं इस बीच भारत सरकार ने एक बड़ा ऐलान किया है और इससे 25 हज़ार यात्रियों को बड़ी राहत मिली है।

दरअसल, भारत सरकार अब अरब देश कुवैत को छोड़ने के लिए भारत सरकार इमरजेंसी सर्टिफिकेट मांगने वालों से कोई शुल्क नहीं लेगी और इस बात की जानकारी केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री और संसदीय मामलों के राज्य मंत्री वी। मुरलीधरन ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट के माध्यम से दी है।

विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने ट्वीट कर बताया कि यह साझा करते हुए खुशी हो रही है कि विदेश मंत्रालय ने कोरोना वायरस की वजह से कुवैत सरकार द्वारा घोषित माफी के तहत कवर हुए भारतीय नागरिकों के लिए आपातकालीन प्रमाण पत्र पर लगने वाले शुल्क को माफ करने को मंजूरी दी है। इस कदम से कुवैत में लगभग 25 हजार भारतीयों को लाभ होगा।

जानकारी के अनुसार कुवैत में जिसके पास यात्रा दस्तावेज नहीं होते है उससे भारतीय दूतावास में भारतीय नागरिक के लिए आपातकालीन प्रमाण पत्र जारी करने के लिए 5 केडी का शुल्क लेता था, वहीं अब बहरत सरकार के ऐलान के बाद ये शुल्क नहीं लिया जाएगा।

वहीं इस जानकारी को लेकर केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन ने हिसार के मीडिया अकाउंट पर कहा, “कुवैत में अवैध रूप से रह रहे करीब 25,000 भारतीय इस फैसले से लाभान्वित होंगे।” इस शुल्क को माफ करने के लिए समुदाय से एक मजबूत अनुरोध किया गया था ताकि बड़ी संख्या में भारतीयों को देश छोड़ने के इस अवसर का उपयोग करने की सुविधा मिल सके।
kuwait

कुवैत सरकार ने आज से भारतीय के लिए एमनेस्टी शुरू की है, बड़ी संख्या में भारतीयों से उम्मीद की जाती है कि वे बिना कोई जुर्माना और हवाई टिकट दिए देश छोड़ने के लिए एमनेस्टी का इस्तेमाल करें। वहीं जो लोग अवैध रूप से देश में रह रहे हैं और उनके पास कोई यात्रा दस्तावेज नहीं है, उन्हें भारतीय दूतावास से आपातकालीन प्रमाणपत्र प्राप्त करना होगा।

आपको बता दें, कोरोना वायरस की वजह से अभी तक1 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है साथ ही 12 लाख से ज्यादा लोग इस वायरस की चपेट में आ चुके हैं।