दक्षिण अफ्रीका दौरे पर टीम इंडिया ने पहले 1-2 से टेस्ट सीरीज गंवाई। इसके बाद अब वनडे सीरीज में भी टीम इंडिया का 0-3 से सूपड़ा साफ हो गया है। दक्षिण अफ्रीका के टूर पर एक टेस्ट मुकाबले को छोड़ दें तो टीम इंडिया और कोई मैच नहीं जीत पाई है।
वनडे सीरीज में भारतीय टीम पूरी तरीके से दक्षिण अफ्रीका के सामने नतमस्तक दिखे। भारतीय टीम की वनडे सीरीज हारने की पीछे की वजह काफी ठोस है क्योंकि टीम में एक्सपीरियंस्ड और युवा खिलाड़ियों का बेहतर तालमेल है लेकिन इसके बावजूद भी भारतीय टीम को हार का मुंह देखना पड़ा है।
भारत को वनडे सीरीज के अंतिम मुकाबले में 4 रनों से नजदीकी हार का सामना करना पड़ा है। पहले बल्लेबाजी करके भारतीय टीम के सामने 288 रनों का टारगेट रखने वाली अफ्रीका की टीम वनडे सीरीज में पहली बार ऑल आउट हुई है। जवाब में टीम इंडिया 283 रनों पर पवेलियन लौट गई।
इस वनडे मैच में भारत की तरफ से शिखर धवन विराट कोहली और दीपक चाहर ने बेहतरीन अर्धशतकीय पारी खेली मगर वह टीम को जीत दिलाने में नाकाम रहे। ऐसे में आपको बताते हैं टीम इंडिया की सीरीज हारने के पीछे की पांच बड़ी वजह हैं जिनके चलते भारतीय टीम को वनडे सीरीज में कड़ी शिकस्त का सामना करना पड़ा है।
1.मध्यक्रम उम्मीदों पर नहीं उतर पाया खरा
वनडे सीरीज में भारतीय टीम की सबसे बड़ी हार की वजह टीम इंडिया का मिडिल ऑर्डर फ्लॉप होना रहा है। हालांकि, विराट कोहली और शिखर धवन ने इस सीरीज में बेहतरीन प्रदर्शन किया मगर मध्यक्रम के बल्लेबाजों ने टीम को पूरी तरह से निराश किया। श्रेयस अय्यर, ऋषभ पंत और वेंकटेश अय्यर ने बल्ले से उम्मीदों के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाए।
2. गेंदबाजी में नहीं दिखी धार
भारत के मध्यक्रम के खिलाड़ियों ने अपेक्षा के अनुरूप इस सीरीज में प्रदर्शन नहीं किया। जैसे बल्लेबाजों ने निराश किया वैसे मिडल ओवरों मैं भारतीय गेंदबाजों ने ढंग की गेंदबाजी नहीं की। जबकि दक्षिण अफ्रीका के मध्यक्रम के बल्लेबाजों ने शानदार बैटिंग करते हुए भारतीय गेंदबाजों की बखिया उधेड़ दी थी।
Rassi ven der dussen, तेंबा बावुमा और क्विंटन डिकॉक ने मिलकर भारतीय टीम को हार की राह पर ढकेल दिया। जबकि अफ्रीकी सलामी बल्लेबाज क्विंटन डी कॉक ने दूसरे वनडे में अर्धशतक और तीसरे वनडे में शानदार शतक लगाकर भारतीय टीम की रही सही उम्मीदों पर भी पानी फेर दिया।
3. बल्लेबाजों ने की गैर-जिम्मेदारा बैटिंग
वनडे सीरीज के दौरान कई मौके पर इस बात को देखा गया कि भारतीय बल्लेबाजों ने आक्रामक क्रिकेट खेलने के चक्कर में अपने विकेट गंवा दिए। खास तौर पर ऋषभ पंत, जिन्होंने गलत मौकों पर बेहद ही गैर-जिम्मेदाराना शॉट्स खेलकर अपना विकेट खोया। इसके अलावा श्रेयस अय्यर और वेंकटेश अय्यर ने भी कुछ ऐसा ही किया।
4. गलत टीम सिलेक्शन का भुगतना पड़ा खामियाज़ा
सीरीज के पहले दो मैचों के लिए भारतीय टीम की प्लेइंग इलेवन पूरी तरह से समझ से परे रहा। टीम इंडिया की बल्लेबाजी खासकर मध्यक्रम में नाकाम साबित हुई। अंतिम ग्यारह में वेंकटेश अय्यर जैसे अनुभवहीन ऑलराउंडर खिलाड़ी थे। जबकि बल्लेबाजी का भार आर अश्विन और शार्दुल ठाकुर पर शिफ्ट कर दिया गया।
5. कप्तान के तौर पर राहुल की शुरुआत ही खराब
रोहित शर्मा की अनुपस्थिति में तीन वनडे मैचों में टीम की कप्तानी संभाल रहे केएल राहुल ने अपनी नेतृत्व क्षमता का बेहतर ढंग से उपयोग नहीं किया। खिलाड़ी में विराट कोहली या रोहित शर्मा जैसा कप्तानी का गुण भी नहीं दिखाई दिया। कहा ऐसा भी जा रहा है कि केएल राहुल की अगुवाई में भारतीय टीम में एनर्जी थोड़ी कम नजर आ रही थी।