दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भारतीय टीम ने वांडरर्स में खेला गया तीन टेस्ट मैचों की सीरीज का दूसरा मुकाबला सात विकेट से गंवा दिया है। ऐसे में दक्षिण अफ्रीका की टीम ने सीरीज में एक-एक की बराबरी कर ली है।
मुकाबले के दौरान एक समय ऐसा भी आया जब टीम इंडिया मैच में पकड़ बना चुकी थी। मगर कप्तान डीन एल्गर की शानदार इनिंग ने भारतीय टीम के उम्मीदों पर पानी फेर दिया। ऐसे में आइए जानते हैं। जोहानिसबर्ग के वांडरर्स टेस्ट में भारतीय टीम कैसे जीते दरवाजे पर पहुंचकर हार गई।
1. मुकाबले के आखिरी दिन राहुल की कप्तानी में नहीं दिखा पैनापन
भारत के सलामी बल्लेबाज केएल राहुल विराट की अनुपस्थिति में दूसरे टेस्ट मुकाबले में टीम इंडिया की कमान संभाल रहे थे। उनकी कप्तानी में भारतीय टीम को हार मिली है। मुकाबले में जीत के लिए दक्षिण अफ्रीका को आखिरी पारी में 122 रनों की जरूरत थी। ऐसे में केएल राहुल को आक्रमक कप्तानी करने की जरूरत थी। मगर उन्होंने ऐसा कुछ भी नहीं किया जिससे कि भारतीय टीम मुकाबले में कहीं दिखाई दे सके।
दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाज टीम इंडिया के गेंदबाजों के आगे आराम से रन बटोरते रहे। दिन की शुरुआत में आर अश्विन से गेंदबाजी कराना वह भी परिस्थितियों के विपरीत केएल राहुल का यह फैसला भी बिल्कुल गलत साबित हुआ। ऐसे में कहा जा सकता है टीम इंडिया को मुकाबले के आखिरी दिन विराट कोहली की बड़ी कमी खली।
2. शार्दुल के अतिरिक्त कोई भी गेंदबाज नहीं डाल सका अफ्रीकी बल्लेबाजों को मुसीबत में
दूसरे टेस्ट मुकाबले में भारत के तेज गेंदबाज शार्दुल ठाकुर ही ठीक-ठाक गेंदबाजी कर पाए। जिसके लिए उनकी तारीफ भी हो रही है। इस गेंदबाज के अलावा किसी भी गेंदबाज ने जोहानिसबर्ग टेस्ट में ढंग की गेंदबाजी नहीं की। ना ही किसी की गेंदबाजी में दमखम दिखा।
भारतीय टीम के तेज गेंदबाजी आक्रमण के प्रमुख जसप्रीत बुमराह भी पूरी तरह पस्त नजर आए। उनके अलावा मोहम्मद शमी और मोहम्मद सिराज भी कुछ खास नहीं कर सके। मोहम्मद सिराज पहली पारी में ही चोट खा बैठे। जिसके चलते हुए अपनी लय खो बैठे। इन्हीं सब कारणों की वजह से भारतीय टीम में दूसरा टेस्ट मुकाबला गवां दिया है।
3. पंत की फॉर्म भारत के माथे की चिंता की लकीर बनी
भारतीय टीम तीन टेस्ट मैचों की सीरीज का दूसरा मुकाबला हार चुकी है। ऐसे में भारत के ओपनर बल्लेबाज मयंक अग्रवाल इस दौरे पर अब तक चार पारी खेलकर पूरी तरह नाकाम साबित हुए हैं। तो वहीं, भारत के विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत भी पूरी तरह फेल नजर आ रहे हैं।
ऋषभ पंत का बल्ला पूरी सीरीज में खामोश रहा है। ऋषभ पंत बल्ले से तो नाकाम रहें हैं मगर अपने लापरवाही भरे रवैए से भी भारतीय टीम को मुश्किलों में धकेल देते हैं। ऐसे में देखने वाली बात होगी क्या टीम प्रबंधन सीरीज के अंतिम मुकाबले में क्या ऋषभ पंत की जगह पर रिद्धिमान साहा को मैदान पर उतारेगी।
4. पहली पारी में कम स्कोर बनाना पड़ गया महंगा
भारतीय टीम को तीन टेस्ट मैचों की सीरीज के दूसरे मुकाबले में बल्लेबाजों ने काफी निराश किया है। पहली इनिंग में सलामी बल्लेबाज केएल राहुल के अतिरिक्त कोई भी बल्लेबाज ढंग की बल्लेबाजी नहीं कर सका था। मैच में टीम इंडिया का मध्यक्रम पूरी तरह लड़खड़ा गया था।
चेतेश्वर पुजारा, अजिंक्य रहाणे, मयंक अग्रवाल, हनुमा विहारी और ऋषभ पंत बुरी तरह फेल हुए थे। इसके अलावा दूसरा टेस्ट हारने के बाद टीम इंडिया के कार्यवाहक कप्तान केएल राहुल ने ये स्वीकार करते हुए कहा कि उनकी टीम पहली पारी में 70 रन अधिक बना सकती थी। मगर वह ऐसा करने में असफल रही। ऐसे में भारतीय टीम दक्षिण अफ्रीका के सामने दूसरी पारी में महज 240 रनों का ही लक्ष्य रख पाई थी। जिसे दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाजों ने आसानी से हासिल कर लिया।
5. बारिश ने बिगाड़ा टीम इंडिया का खेल
दूसरे टेस्ट के तीसरे दिन तक टीम इंडिया की स्थिती मैच में मजबूत लग रही थी। ऐसा लग रहा था भारत मैंच में वापसी कर चुका है, हालांकि चौथे दिन मौसम ने पूरी तरह से दगा दे दिया। इसके साथ ही अफ्रीकी कप्तान डीन एल्गर भी चट्टान की तरह खड़े हो गए। डीन एल्गर भारतीय टीम की जीत में रोड़ बन गए और अपना सबसे बड़ा लक्ष्य हासिल कर लिया।