भारत और साउथ अफ्रीका के बीच चल रहे तीन मैचों की सीरीज के आखिरी टेस्ट मैच में एक बार फिर अजिंक्य रहाणे और चेतेश्वर पुजारा फ्लॉप रहे जिसका खामियाजा टीम को भुगतना पड़ा।
दूसरे टेस्ट में दोनों ने अर्धशतक लगाया था और सेट भी थे लेकिन वह अपनी पारी को बड़ी पारी में तब्दील नहीं कर सके जिसके चलेते टीम को हार का सामना करना पड़ा। भारतीय क्रिकेट टीम के फैंस को भी अब समझ नहीं आ रहा है कि अखिर मैनजमेंट युवा खिलाड़ी होने के बावजूद इन दोनों को इतने मौके क्यों दे रही है।
चेतश्वर पुजारा
पिछले एक साल से चेतेश्वर के बल्ले से बड़ी पारी नहीं आयी है। माना जा रहा है कि साउथ अफ्रीका के खिलाफ चल रही ये टेस्ट सीरीज उनके लिए आखिरी मौका है। इसके बावजूद केवल एक अर्धशतक के अलावा उनके बल्ले से कोई बड़ी पारी नहीं आयी।
जहां पहले टेस्ट में वह केवल 0,16 रन बना पाए वहीं दूसरे टेस्ट में उन्होंने 53 और 3 रन की पारी खेली। अंतिम टेस्ट में जो भारत के लिहाज से बहुत अहम टेस्ट है उसमें चेतेश्वर के बल्ले से केवल 43 और 9 रन आये। उनके जैसे अनुभवी खिलाड़ी से टीम को बहुत उम्मीद थी लेकिन उनके न चलने का खामियाजा टीम को भुगतना पड़ रहा है। टीम के पास उनके रिप्लेसमेंट के रूप में हनुमा विहारी जैसे भरोसेमंद बल्लेबाज है। पर मैनजमेंट ने उन्हें मौका न देकर चेतेश्वर पर ही भरोसा जताया जिसका खामियाजा टीम भुगत रही है।
अजिंक्या रहाणे
अजिंक्या के बल्ले से आखिरी शतक दिसंबर 2020 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आया था। उसके बाद से ही वह लगातार फ्लॉप चल रहे है। नतीजा ये कि भारत साउथ अफ्रीका में अपनी एक और सीरीज हार के नजदीक है।
चल रही श्रृंखला में पहले टेस्ट में उन्होंने 48 और 20 रन की पारी खेली, दूसरे टेस्ट में उनके बल्ले से एक अर्धशतक आया पर दूसरी पारी में वह शून्य में आउट हो गए। वहीं तीसरे और सबसे अहम टेस्ट में वह बिल्कुल ही फ्लॉप रहे यहां उनके बल्ले से केवल 1 और 9 रन आये। टीम के पास उनके विकप्ल के रूप में श्रेयस भी मौजूद थे जिन्होंने न्यूज़ीलैंड के खिलाफ शानदार बल्लेबाजी की थी बावजूद इसके रहाणे को बार बार मौका मिला। जिसका वह फायदा नहीं उठा पाए।
इन दोनों अनुभवी खिलाड़ी के बार बार फ्लॉप होने से भारत की टीम आज सीरीज हार की कगार पर है। मैनजमेंट को अब इन दोनों के बदले युवा खिलाड़ियों को जगह देने की जरूरत है।