अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में भारत और विंडीज के बीच खेली जा रही वनडे सीरीज के दूसरे मुकाबले में भारतीय टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए कुछ खास नहीं किया मगर उनके गेंदबाजों ने मैच में पूरी अपनी ताकत झोंक दी।
टीम इंडिया के गेंदबाज टीम को मुकाबले में वापस लाने के लिए कड़ी मेहनत करते नजर आ रहे हैं। मुकाबले में भारत के कप्तान ने डीआरएस (DRS) लेकर विंडीज़ के बल्लेबाज को पवेलियन लौटने के लिए मजबूर कर दिया।
अंपायर को बदलना पड़ा अपना फैसला
That was some review, with Rohit Sharma taking the DRS after being convinced by none other than Rishabh Pant! #INDvWI pic.twitter.com/NKlDFbdYil
— Wisden India (@WisdenIndia) February 9, 2022
वेस्टइंडीज की इनिंग के दसवें ओवर में जब टीम इंडिया के लिए प्रसिद्ध कृष्णा बॉलिंग के लिए आए तब उनकी पहली ही गेंद डेरेन ब्रावो के बल्ले का किनारा लेकर सीधे विकेटकीपर के हाथों में समा गई। अंपायर नितिन मेनन ने गेंदबाज की अपील ठुकराते हुए बल्लेबाज को नॉट आउट करार दिया।
मगर ऋषभ पंत (Rishabh Pant) की सूझबूझ भरी कोशिश और अपील के कारण रोहित शर्मा ने डीआरएस लिया। पंत की बात मानकर कप्तान रोहित शर्मा (Rohit Sharma) ने रिव्यू ले लिया और अंपायर को अपना फैसला बदलना पड़ा। रिव्यु में दिखा की गेंद बल्लेबाज के पैड पर नहीं बल्कि बल्ले से लगकर ऋषभ पंत के ग्लव्स में गई थी।
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— jennifer (@jennife74834570) February 9, 2022
पहले वनडे मैच में रोहित ने लिए थे 3 डीआरएस, हुए थे सफल
आपको बता दें, हिटमैन के नाम से मशहूर रोहित शर्मा सीमित ओवरों के कप्तान हैं। नियमित कप्तान के तौर पर अपना दूसरा वनडे मैच खेल रहे हैं। उन्होंने विंडीज के खिलाफ पहले वनडे मैच में भी 3 DRS लिए थे। हैरत की बात यह है कि उनके द्वारा लिए गए तीनों डीआरएस के फैसले भारत के पक्ष में गए थे।
पहले वनडे मैच में एक समय ऐसा भी आया जब विकेटकीपर ऋषभ पंत ने कप्तान रोहित शर्मा को डीआरएस (DRS) ना लेने की सलाह दी थी, मगर भारत के पूर्व कप्तान विराट कोहली की सलाह पर रोहित शर्मा ने डीआरएस लेने का फैसला किया था। जो बिल्कुल सही साबित हुआ था।
गौरतलब है कि पहले वनडे मैच में रोहित शर्मा के 3 डीआरएस निर्णय सफल होने के बाद भारत के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने रोहित शर्मा की तारीफ करते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया में कहा था कि अब से डीआरएस का नाम डेफिनेटली रोहित सिस्टम होना चाहिए।
गौर करने वाली बात यह है कि पहले इसको सब लोग मजाक मजाक में धोनी रिव्यू सिस्टम कहते थे। ऐसा इसलिए क्योंकि धोनी द्वारा लिए गए डीआरएस के अधिकतर निर्णय भारत के पक्ष में ही होते थे