IND vs WI: भारतीय टीम ने कल वेस्टइंडीज को एक रोमांचक मैच में तीन रन से मात दी। मैच आखिरी ओवर की आखिरी गेंद तक गया। जहां मोहम्मद सिराज ने अपना कंपोजर बनाए रखा और टीम को जीत दिलाई।
हालांकि जीत के बावजूद कोच राहुल द्रविड़ और कप्तान शिखर धवन से तीन बड़ी चूक हो गई। जिसे आगे के मैचों में इन बातों का ख्याल रखना द्रविड़- धवन रखना चाहेंगे।
1. भारत का मध्यक्रम मौके को भुनाने में रहा नाकाम, बल्लेबाजी क्रम में हो सकते थे बदलाव
भारत के टॉप 3 ने शानदार बल्लेबाजी का प्रदर्शन करते हुए भारत को एक जबरदस्त शुरुआत दी। शुभमन गिल और शिखर धवन के बीच पहले विकेट के लिए 119 रन की साझेदारी हुई।
India’s innings today:
First 33.3 overs – 213/1.
Last 16.3 overs – 95/6.
— Mufaddal Vohra (@mufaddal_vohra) July 22, 2022
दोनों ने केवल 17.4 ओवर में इतने रन जोड़े लिए थे। जिसके बाद शिखर धवन और श्रेयस अय्यर के बीच 94 रन की साझेदारी हुई। उन्होंने ये रन 16 ओवर में जोड़े। पर शिखर और श्रेयस का विकेट गिरने के बाद टीम ने ये मोमेंटम जाने दिया।
जहां टीम ने 33.3 ओवर में 213 रन पर एक विकेट गवाएं था वहीं टीम ने आखिरी 16.3 ओवर में केवल 95 रन बनाए और 6 विकेट गवाएं। जिसके कारण एक समय जहां लग रहा था टीम आसानी से 350 रन बना लेगी वहीं टीम मुश्किल से 308 रन बना पाई। दीपक हुड्डा को थोड़े ऊपर बल्लेबाजी के लिए भेजना चाहिए था।
2. बेअसर दिखे भारतीय गेंदबाज, गेंदबाजों का चुनाव करने में हुई चूक
जहां 308 रन का लक्ष्य काफी बड़ा था पर भारतीय गेंदबाज फीके नज़र आए। वेस्टइंडीज की टीम इस लक्ष्य का पीछा करते हुए गेम आखिरी ओवर तक ले गई। वेस्टइंडीज की टीम ने 305 रन बनाए।
भारत ने वेस्ट इंडीज का पहला विकेट काफी पहले चटका दिया था केवल 16 रन में कैरिबियन टीम का एक विकेट चटक गया था। जिसके बाद 18 ओवर तक टीम इंडिया विकेट लिया रहीं।
वेस्ट इंडीज के खिलाड़ी साझेदारी करते हुए लक्ष्य के इतने पास तक पहुंच गई। टीम इंडिया की गेंदबाजी यूनिट में पहली जैसे धार नहीं लगी। ये शिखर धवन और राहुल द्रविड़ के लिए आगे के ओडीआई के लिए बहुत बड़ा चैलेंज रहेगा। अर्शदीप जैसे शानदार गेंदबाज होने के बावजूद उन्हें टीम में जगह नहीं दी गई।
3. शिखर धवन बतौर कप्तान नहीं रहें कुछ खास, काम नहीं आए उनके गेंदबाजी बदलाव
जब भारत ने पहला विकेट जल्दी चटका दिया। उसके बाद शिखर को जरूरत थी की वह अटैकिंग गेम चालू रखे पर ऐसा नहीं हुआ वह डिफेंसिव मोड में नज़र आए। उनके गेंदबाजी बदलाव भी उनके काम नहीं आए।
शिखर धवन और राहुल द्रविड़ को इस बारे में भी सोचना होगा की वह कैसे पहली ही गेंद से गेम को अपनी पकड़ में रखे और खेल के किसी भी जगह मैच हाथ से न फिसलने दें। शिखर को अपनी कप्तानी में सुधार की जरूरत हैं। साथ ही सही समय में सही निर्णय लेना की जरूरत हैं।