आज केएल राहुल की कप्तानी में भारतीय टीम साउथ अफ्रीका के खिलाफ पहला एकदिवसीय मैच खेलने उतरी थी। उम्मीद थी कि टेस्ट मैच की हार से सबक लेकर टीम एकदिवसीय मैच में अच्छा प्रदर्शन कर जीत हासिल करेगी। पर ऐसा नहीं हुआ टीम को एक बार फिर हार का सामना करना पड़ा। साउथ अफ्रीका ने भारत को 31 रन से मात दी।
आज हम नज़र डालेंगे तीन वजह जो टीम के हार का कारण बनी।
1. गेंदबाजों का निराशाजनक प्रदर्शन
भारत की पेस बैटरी को दुनिया मे सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। पर पहले एकदिवसीय में वह कुछ कमाल नहीं कर पाएं। जहां साउथ अफ्रीका ने अपने पहले तीन विकेट 68 रन के स्कोर पर गवां दिए थे। वहीं चौथे विकेट के लिए उनके कप्तान और रस्सी वैन डेर डूसन ने 204 रन जोड़ कर खेल का समीकरण ही बदल दिया।
हर भारतीय गेंदबाज इस जोड़ी के सामने बेबस नज़र आया। इस साझीदारी के बाद ही खेल भारत के हाथ से लगभग निकल ही गया था। भारत की तरफ से बुमराह ने 2 और अश्विन ने एक विकेट लिया। इसके अलावा कोई भी भारतीय गेंदबाज विकेट नहीं ले पाया।
2. एक बार फिर मध्यक्रम का फ्लॉप होना
भारत को 297 रन का लक्ष्य मिला था। जो लक्ष्य मुश्किल होने वाला था। उम्मीद थी कि सलामी बल्लेबाज अच्छी साझेदारी करंगें। पर केएल राहुल और शिखर केवल 46 रन ही जोड़ पाए और 12 रन बना कर कप्ताम आउट हो गए। उसके बाद विराट और शिखर ने पारी को कुछ हद तक संभाला।
दोनों के बीच 92 रन की साझेदारी हुई। शिखर 79 रन बना कर आउट हुए। जिसके बाद भारत ने नियमित अंतराल पर विकेट गवाएं। मध्यक्रम के फ्लॉप होते ही भारत की हार निश्चित हो गई थी।
3, ‘कुलचा’ की जोड़ी में कुलदीप का न होना
भारत जब 2018 में एकदिवसीय सीरीज साउथ अफ्रीका के3 खिलाफ 5-1 से जीता था। उस सीरीज में युजवेंद्र चहल और कुलदीप की जोड़ी ने आपस में 24 विकेट लिए थे जो टीम की जीत का एक कारण था। पर इस स्क्वाड में कुलदीप यादव को नहीं चुना गया।
इसका एक कारण बल्लेबाजी में मजबूती लाना हो सकता है। पर यर शायद भारत के खिलाफ गया। आज जिस तरह से भारत के गेंदबाज बेबस नजर आए। अगर कुलदीप टीम में होते तो शायद भारत बेहतर स्तिथि में होता।