मंगलवार की रात को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए कोरोना संकट के बीच अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया था। वहीं आज इस पैकेज की जानकारी देने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक प्रेस कांफ्रेंस की। वहीं इस पोस्ट में हम आपको इस बात जानकारी देने जा रहे हैं कि 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज में किसे क्या मिला।
वहीं इस पैकेज के अनुसार वित्त वर्ष 2019-20 के लिए आयकर रिटर्न भरने की तारीख 30 नवंबर 2020 कर दी है। हीं विश्वास स्कीम की डेडलाइन को 31 दिसंबर 2020 तक कर दी गई है। पहले ये 30 जून तक के लिए था। इसी के साथ टैक्सपेयर्स को 31 मार्च 2021 तक टीडीएस कटौती में 25 फीसदी की राहत दी गयी है वहीं रियल एस्टेट के मामले में एडवाइजरी जारी होगा कि सभी प्रोजेक्ट्स को मार्च से आगे 6 महीने तक मोहलत दी जाए।
बिजली वितरण कंपनियों की मदद के लिए इमरजेंसी लिक्विडिटी 90,000 करोड़ रुपये दी जाएगी। वहीं नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी, माइक्रो फाइनेंस कंपनियों के लिए 30,000 करोड़ की विशेष लिक्विडिटी स्कीम लाई जा रही है। इससे नकदी का संकट नहीं रह जाएगा।वहीं एनबीएफसी और आंशिक ऋण गारंटी योजना का विस्तार होगा, इसमें डबल ए या इससे भी कम रेटिंग वाले एनबीएफसी को भी कर्ज मिलेगा।
इस के सतह वित्त मंत्री ने सरकार अब अगस्त तक कंपनी और कर्मचारियों की तरफ से 12 फीसदी + 12 फीसदी की रकम EPFO में जमा करेगी। इससे करीब 75 लाख से ज्यादा कर्मचारियों और संस्थाओं को फायदा मिलेगा। वहीं इसका फायदा सिर्फ उन्हीं कंपनियों को मिलेगा, जिनके पास 100 से कम कर्मचारी है और 90 फीसदी कर्मचारी की सैलरी 15,000 रुपये से कम है। वहीं कर्मचारियों का 12 फीसदी की जगह 10 फीसदी ईपीएफ कटेगा। हालांकि पीएसयू में 12 फीसदी ही ईपीएफ कटेगा।
वहीं इस पैकेज के हिसाब से एमएसएमई यानी सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग की परिभाषा बदल दी गई है। इसमें निवेश की लिमिट में बदलाव किया गया है। 1 करोड़ निवेश या 10 करोड़ टर्नओवर पर सूक्ष्म उद्योग का दर्जा दिया जाएगा। इसी तरह 10 करोड़ निवेश या 50 करोड़ टर्नओवर पर लघु उद्योग का दर्जा दिया जाएगा। वहीं 20 करोड़ निवेश या 100 करोड़ टर्नओवर पर मध्यम उद्योग का दर्जा होगा।निर्मला सीतारमण ने बताया कि मौजूदा दौर में ट्रेड फेयर संभव नहीं है। वहीं 200 करोड़ तक का टेंडर ग्लोबल नहीं होगा। यह एमएसएमई के लिए बड़ा कदम है। इसके अलावा एमएसएमई को ई-मार्केट से जोड़ा जाएगा। सरकार एमएसएमई के बाकी पेंमेंट 45 दिनों के अंदर करेगी।
वित्त मंत्री के मुताबिक 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज में से 3 लाख करोड़ एमएसएमई यानी सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग को जाएंगे। इनको बिना गारंटी लोन मिलेगा। इसकी समयसीमा 4 साल की होगी। इन्हें 12 महीने की छूट मिलेगी। ये ऑफर 31 अक्टूबर 2020 तक के लिए है। वहीं वित्त मंत्री के मुताबिक, जो एमएसएमई तनाव में हैं उन्हें सबआर्डिनेट डेट के माध्यम से 20000 करोड़ की नकदी की व्यवस्था की जाएगी। बता दें कि एसएमई में लघु और मझोले कारोबार आते हैं।
वित्त मंत्री के मुताबिक एमएसएमई जो सक्षम हैं, लेकिन कोरोना की वजह से परेशान हैं, उन्हें कारोबार विस्तार के लिए 10,000 करोड़ के फंड्स ऑफ फंड के माध्यम से मदद दी जाएगी। इस के साथ वित्त मंत्री के मुताबिक सार्वजनिक क्षेत्र को बैंकों से जुड़े सुधार, बैंकों के रिकैपिटलाइजेशन जैसे काम किए गए। वहीं 41 करोड़ जनधन अकाउंट होल्डर्स के खाते में डीबीटी ट्रांसफर किया गया है।
आपको बता दें, इस समय देश कोरोना वायरस से कोहराम मचा हुआ है वहीं इस ने कोरोना संकट के दोर में इकोनॉमी को सहारा देने के लिए 2लाख करोड़ रुपये के तगड़े बूस्टर डोज का ऐलान किया है।