बेशक, यह पहली बार नहीं है जब Chennai Super Kings ने आईपीएल में लगातार चार मैच गंवाए। 2010 में भी ऐसा हुआ था पर उस साल Chennai Super Kings बीच के मैचों में 4 मैच लगातार हारा था जबकि अभी चेन्नई शुरुआत से हारता ही आया है। 2010 में आपको बता दें बीच में चार मैच हारने के बाद चेन्नई ने ऐसी लय पकड़ी थी की वह आईपीएल विजेता के रूप में उभरा था।
क्या नए नेतृत्व में 2010 का इतिहास दोहरा पाएगी Chennai Super Kings
उस समय की टीम और अभी को टीम में केवल एक खिलाड़ी अभी भी है। वह है महेंद्र सिंह धोनी। अन्य खिलाड़ी या तो रिटायर हो चुके है या दूसरे टीम के लिए खेलते है। ऐसे में टीम के क्वालीफाई करने पर अभी भी सवालिया निशान है।
देखने वाली बात होगी की नए नेतृत्व और नई टीम के साथ क्या Chennai Super Kings 2010 का इतिहास दोहरा पाएगा या नहीं। टीम के पास अभी भी प्ले ऑफ में क्वालीफाई करने का पूरा पूरा मौका है।
केवल मुंबई और चेन्नई अभी तक नहीं जीत पाई है एक भी मैच
वर्तमान में, सीएसके टेबल पर 10वें स्थान पर है उनके 4 मैचों में 0 अंक हैं और उनका नेट रन रेट -1.121 है, दोनों पैरामीटर आईपीएल 2022 में अब तक सबसे खराब हैं। उनके बाद सबसे खराब रन रेट मुंबई की टीम का है। बस ये दोनों टीम ही अभी तक एक भी मैच नहीं जीत पाई है।
चेन्नई के पास अभी भी क्वालीफाई करने का हैं पूरा पूरा मौका
मंगलवार (12 अप्रैल) से, Chennai Super Kings के पास आईपीएल 2022 में 10 शेष मैच हैं। जब आईपीएल में केवल 8 टीम होती थी तो 7 मैच जीतने वाली टीम भी आसानी से क्वालीफाई कर जाती थी। पर अब ये 10 टीम टूर्नामेंट है ऐसे में चेन्नई को अपनी उम्मीदें बरकरार रखने के लिए कम से कम 8 या 9 मैच जीतने होंगे साथ ही अपना रन रेट भी बेहतर करना होगा।
2020 का इतिहास नहीं दोहराना चाहेगी टीम
2020 में ऐसा पहली बार हुआ था जब चेन्नई प्लेऑफ में क्वालीफाई नहीं कर पाई थी। ऐसा इस साल न हो इससे बचने के लिए टीम को सबसे बेहतर प्लेइंग इलेवन और जीत के जज्बे के साथ उतर कर अब हर मैच जीतने की कोशिश करनी होगी।