नए साल के मौके पर देशवासियों को इसरो के चीफ के. सिवन ने गगनयान और चंद्रयान-3 मिशन की तैयारियों के बारे में जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने कहा कि, “चंद्रयान-3 को सरकार ने हरी झंडी दे दी है।इस प्रॉजेक्ट पर काम शुरू हो चुका है। यह लगभग चंद्रयान-2 की तरह ही होगा। इसमें भी लैंडर और रोवर होगा। हमारे लिए चंद्रयान-3 अहम प्रोजेक्ट हैं।”
इसरो के चीफ के. सिवन ने आगे बताया कि, “चंद्रयान-3 में चंद्रयान-2 की तरह लैंडर, रोवर और एक प्रोपल्शन मॉड्यूल होगा। साथ ही इस मिशन की लागत करीब 250 करोड़ रुपये आएगी।” इसरो चीफ ने आगे बताया कि, “गगनयान मिशन पर जो 4 अंतरिक्षयात्री जाएंगे। उनकी पहचान की जा चुकी है। उन्हें जनवरी के तीसरे हफ्ते से उन्हें ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके अलावा गगनयान के लिए नैशनल अडवाइजरी कमिटी भी बनाई गई है।”
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वहीं इसरो प्रमुख ने चंद्रयान-2 के असफल लैंडिग पर भी जवाव देते हुए कहा कि, “भले ही हम इस मिशन पर पूरी तरह से सफल नहीं हो पाए थे और ठीक तरीके से लैंडिग नहीं कर पाए थे, लेकिन अब तक ऑर्बिटर ठीक तरीके से काम कर रहा है और वह साइंस डेटा अगले सात सालों तक इकट्ठा करता रहेगा।
वहीं बीते दिन अंतरिक्ष विभाग के राज्य मंत्री ने चंद्रयान-3 मिशन को लेकर बताया कि, “सिर्फ लैंडर औक रोवर के जरिए चंद्रयान 3 चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा। इसके अलावा यह मिशन 2020 में ही लॉन्च होगा। चंद्रयान 2 कोई असफलता नहीं था बल्कि उससे हमने बहुत कुछ सीखा है। दुनिया का ऐसा कोई भी देश नहीं है, जो पहली कोशिश में ही चांद पर उतर सका हो। अगर बात अमेरिका की ही की जाए तो उसे कई कोशिशें लग गई थीं लेकिन हमें इतनी देर नहीं होगी।”