जम्मू क’श्मीर के दो पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती पर पब्लिक से”फ्टी एक्ट लगाया गया है। यह दोनों ही नेता पिछले 6 महीने से नज’रबंद किए गए हैं। आपको बता दें, महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला को जम्मू क’श्मीर से अनु’च्छेद 370 ह’टाए जाने के बाद से ही हि’रासत में लिया गया था और अब बताया जा रहा है कि इन दोनों पर पब्लिक से’फ्टी एक्ट यानि पी’एसए लागू होने के साथ ही दोनों नेताओं को बिना ट्रा’यल के 3 महीने की जे’ल भी हो सकती है। पब्लिक से’फ्टी एक्ट के मुताबिक, बिना ट्रा’यल के 3 महीने तक जे’ल में रखा जा सकता है।
मालूम हो कि उमर अब्दुल्ला के पिता तथा नेशनल कॉन्फ्रेंस चीफ फारुख अब्दुल्ला पहले से ही पब्लिक से’फ्टी एक्ट के तहत बं’द किया गया है। वहीं इसके अलावा दो अन्य नेताओं पर भी पब्लिक से’फ्टी एक्ट लगाया गया है। इसमें नेशनल कांफ्रेंस के सीनियर नेता अली मोहम्मद सागर और नेशनल कांफ्रेस के ही सरताज मदनी भी शामिल है।
वहीं अब प्रशासन की तरफ से लिए गए इस फैसले पर पीडीपी के प्रवक्ता मोहित भान ने क’ड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इसकी क’ड़ी आ’लोचना करते हुए कहा कि, “अगर सरकार का वि’रोध करने पर मु’ख्यधारा के नेताओं पर मु’कदमे होते हैं तो यह लोक’तंत्र की ह’त्या है।” जानकारी के लिए आपको बता दें, जम्मू कश्मीर से अनु’च्छेद 370 ह’टाए जाने के बाद जम्मू कश्मीर के कई नेताओं समेत अल’गाववा’दियों को नज’रबंद रखा गया था। दरअसल इसके पीछे यह आ’शंका जताई जा रही थी।
कहीं यह नेता लोगों को न भ’ड़’काए। इसी वजह से जम्मू कश्मीर राज्य में शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए सरकार की तरफ से यह कदम उठाए गए थे, हालांकि मौजूदा समय में जम्मू कश्मी’र में शांति करीब-करीब बहा’ल हो चुकी है और वहां से अब सुर’क्षा कर्मियों को धीरे-धीरे वापस भेजा जा रहा है। फिलहाल अब यह देखना दिलचस्प होगा कि जम्मू कश्मीर के दो पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती पर पब्लिक से’फ्टी एक्ट लगाए जाने पर देश की सिया’सत की क्या प्रतिक्रिया आती है।