असम पर विवा/दित बयान देने वाले जेएनयू के स्कॅालर शरजील इमाम को आखिरकार पुलि/स ने गिर/फ्तार कर लिया है। उन्हें आज दोपहर बिहार के जहानाबाद से दिल्ली और बिहार पु/लिस ने गिर/फ्तार किया है। मालूम हो कि जेएनयू के स्कॅालर शरजील इमाम को दिल्ली, असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और उत्तर प्रदेश की पुलि/स तलाश कर रही थी और इसी सिलसिले में बीते दिन देर रात को शरजील के भाई और दोस्त को पु/लिस ने पूछताछ के लिए हिरा/सत में लिया था।
आपको बता दें,नागरिकता संशो/धन कानून को लेकर दिल्ली के शाहीन बाग में हो रहे वि/रोध प्रदर्शन के सू/त्रधा/र कहे जाने वाले जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी के छात्र शरजील इमाम अब फं/सते हुए जा रहे हैं। दरअसल उनपर असम पुलिस ने रा/ज/द्रो/ह का केस दर्ज किया है। मालूम हो कि शरजील इमाम ने उत्तर पूर्व भारत को शे/ष भारत से अल/ग करने की बात कही थी। इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वा/यरल हो रहा है और इसके बाद असम पु/लिस हर/कत में आई और इमाम पर के/स द/र्ज कर ली। असम के अलावा जेएनयू के छात्र और शाहीन बाग प्रदेश में हिस्सा लेने वाले शरजील इमाम पर अलीगढ़ में भी के/स द/र्ज किया गया है। इसकी जानकारी अलीगढ़ एस/एसपी ने दी है।
गौरतलब है कि हाल ही में केंद्रीय एजेंसि/यों ने जेएनयू के छात्र शरजील इमाम के काको स्थित पैतृक आवास पर छा/पेमा/री की थी। बताया जा रहा है कि ये छा/पेमा/री स्थानीय जहानाबाद पु/लिस की मदद से की गई, हालांकि उस दौरान छा/पेमा/री में शरजील तो नहीं मिला था, लेकिन तीन लोगों को हि/रासत में लेकर पूछताछ की गई, लेकिन बाद में उन्हें छोड़ दिया गया। इस बात की पुष्टि जहानाबाद एसपी मनीष कुमार ने की थी।
गौरतलब है कि नागरिक संशो/धन कानू/न का मामला लगातार सुर्खियों में बना हुआ है। एक तरफ जहां कांग्रेस समेत ज्यादातर विप/क्षी पार्टी इस कानू/न के विरो/ध में हैं और केंद्र सरकार से इसकी वापसी की मांग कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी नागरिकता संशो/धन कानून के बारे में लोगों को जागरूक कर रही है और इसके बारे में बता रही है। वही देश की 154 दिग्गज हस्तियों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को चिट्ठी लिखकर नागरिकता संशो/धन कानून के नाम पर हिं/सा/ करने वालों के खिलाफ क/ड़ी कार्र/वाई करने की मांग की है। इसमें न सिर्फ पूर्व जज बल्कि कई अफसर भी शामिल है। इन लोगों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को चिट्ठी लिखकर कहा कि सीएए के नाम हिं/सा करने वाले लोगों के खिलाफ ए/क्शन लेना चाहिए, हालांकि इसमें किसी भी संगठन या फिर किसी विशेष व्यक्ति का नाम नहीं लिया गया।