केएल राहुल ने तोड़ी धोनी की परंपरा, सीरीज जीतने के बाद 12 साल बाद वापसी करने वाले खिलाड़ी को थमाई ट्राॅफी

ढाका के मीरपुर में हुए टेस्ट मैच को जीतने के बाद भारतीय टीम ने यह सीरीज 2-0 से अपने नाम कर ली। वही सीरीज जीतने के बाद जब भारतीय टीम ने चमचमाती ट्रॉफी उठाई तो सीरीज के मौजूदा कप्तान केएल राहुल ने महेंद्र सिंह धोनी की परंपरा को तोड़ते हुए ट्रॉफी एक ऐसे खिलाड़ी को दी जिसे देखकर सभी लोग हैरान रह गए।

दरअसल महेंद्र सिंह धोनी ने अपनी कप्तानी के दौरान एक ऐसी परंपरा की शुरुआत की थी जिसके बाद वह सीरीज जीतने के बाद ट्रॉफी उठाने का मौका डेब्यू करने वाले खिलाड़ी या सबसे युवा खिलाड़ी को देते थे।

एमएस धोनी की इस परंपरा को बाद में रोहित शर्मा, विराट कोहली और हार्दिक पांड्या ने भी अपनाया। वही अब बांग्लादेश के खिलाफ भारतीय टीम के मौजूदा कप्तान केएल राहुल ने 31 वर्षीय जयदेव उनादकट को ट्राफी थमा दी। बता दें कि जयदेव उनादकट 12 साल बाद टेस्ट में वापसी कर रहे हैं। उनादकट ने एकमात्र टेस्ट मैच साउथ अफ्रीका के खिलाफ साल 2010 में खेला था।

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सोशल मीडिया पर केएल राहुल जमकर तारीफ

जयदेव ने अपना एक मात्र टेस्ट मैच साल 2010 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेला था। भले ही जयदेव उनादकट टीम के कई खिलाड़ियों से बड़े हैं परंतु वह टेस्ट टीम में काफी दिनों बाद वापसी कर रहे है जिसके बाद केएल राहुल ने ट्रॉफी जीतकर उन्हें थमा दी। वहीं केएल राहुल के इस फैसले को देखकर सोशल मीडिया पर उनकी जमकर तारीफ हो रही है।

वही मुकाबले की बात की जाए तो बांग्लादेश ने इस मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए 227 रन बनाए थे। जिसके बाद पहली पारी में श्रेयस अय्यर और ऋषभ पंत की 159 रनों की साझेदारी के बाद भारत ने 314 रन बनाकर 81 रनों की बढ़त हासिल कर ली थी। वहीं दूसरी पारी में बांग्लादेश की टीम केवल 231 रन बनाकर आउट हो गई।

जिसके बाद भारतीय टीम को जीत के लिए 145 रनों का लक्ष्य दिया था वहीं लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम संघर्ष करते हुए दिखाई दी।

भारतीय टीम ने 74 रन पर ही अपने 7 विकेट गंवा दिए थे। हालांकि आठवें विकेट के लिए श्रेयस और अश्विन ने शानदार साझेदारी करते हुए अपनी टीम को जीत दिलाई। वहीं मैच में अश्विन ने नाबाद 42 रनों की पारी खेली जिसके बाद उन्हें मैन ऑफ द मैच अवार्ड भी दिया गया।

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