New Delhi: तेलंगाना गांव से छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में अपने घर की ओर निकली एक 12 साल की लड़की अपने घर पहुंचने से पहले ही द’म तो’ड़ दिया। मासूम बच्ची के मौ’त वजह जानने के बाद शायद आप सिह’र उठेंगे। दरअसल ये 12 साल की लड़की कड़कड़ती तपती धूप में पैदल ही अपने घर ओर चल रही थी, रास्ते के बीच में उसके शरीर में पानी की कमी हो गई जिस उसका शरीर डिहाइड्रेशन का शिकार हो गया और उसकी मौ’त हो गई।
खबरों के मुताबिक 12 साल लड़की मकदम तेलंगाना के कन्नागुडा गांव में मिर्च के खेतों में काम करने वाले लोगों के एक समूह के साथ 15 अप्रैल से अपने घर जाने के सफर चलना शुरू किया। 18 अप्रैल की सुबह बीजापुर के भंदरपाल गांव के पास उस लड़की की मृ’त्यु हो गई। एक स्वास्थ्य अधिकारी के अनुसार उस लड़की के सैंपल का कोरोना वायरस टेस्ट करवाया गया। जिसकी रिपोर्ट नेगेंटिव आई है, इसके बाद ये संभव है कि इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन के कारण मकदम की मृ’त्यु हो गई होगी।
12 साल की एक नाबालिग बच्ची अपने परिवार का पेट भरने के लिए बीजापुर के आदेड से रोजगार की तलाश में तेलंगाना के पेरूर गयी थी #lockdownindia में लगातार 3 दिनों तक पैदल सफर करने डी हाइड्रेशन का शिकार होकर मासूम बच्ची की मौत हो गयी @ndtvindia #COVID #ServeNeedyInLockdown pic.twitter.com/0fgP04vyvJ
— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) April 21, 2020
तीन दिन तक पैदल चलने के बाद मजदूरों का समूह करीब 100 किलोमीटर तक चला था। लेकिन 18 अप्रैल की सुबह को अपने गांव पहुंचने से लगभग 14 दूर रही इस लड़की की मौत हो गई।
They’d gone to Telangana to work in chilli fields. Since there’s no mode of transportation they walked from Telangana. Her body was preserved&samples were sent for testing as a precautionary measure. It came negative so further action is being taken after postmortem: CMHO Bijapur https://t.co/UR23YXW71L
— ANI (@ANI) April 21, 2020
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, मकदम ने शनिवार सुबह खाना खाया लेकिन बाद में पेट में द’र्द और बेचैनी की शिकायत हुई। जो लोग साथ चल रहे थे उन्होंने है बताया कि लड़की को उचित भोजन नहीं मिला है, जिसके कारण मांसपेशियों में थकान हो सकती है। मकदम अपने माता-पिता की एकलौती संतान थी। छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने मकदम के परिवार को 1 लाख रुपये के मुआवजा देने की घोषणा की।