New Delhi: भारत के पूर्व राष्ट्रपति apj अब्दुल कलाम एक ऐसे व्यक्ति थे, जिनके चरित्र और जीवन की जितनी तारीफ की जाए उतनी ही कम है। उन्होंने अपने जीवन में मिले हर भूमिका को बखूबी निभाया है। जिस समय उनको जो भूमिका सौंपा गया। उस समय उन्होंने अपने इस जिम्मेदारी को पूरी इमानदारी से पूरा किया किया। कलाम साहब एक ऐसे व्यक्ति है जो भारत के राष्ट्रपति रह चुके, एक ग्रेट साइंटिस्ट, ग्रेट फिलॉस्फर और राइटर रहे है। इसके अलावा उन्होंने कई स्कूल इवेंट में स्टूडेंट का मनोबल भी बढ़ाया है। इससे साफ पता चलता हैं कि उन्होंने देश के हर क्षेत्र में अपना एक बड़ा योगदान दिया है।
हालांकि अब ये महान व्यक्ति हमारे बीच नहीं है। साल 2016 में 27 जुलाई को मेघालय के शिलांग में उनका नि’धन हो गया। कलाम साहब की सबसे खास बात ये थी की वो हमेशा सबसे यहीं कहते थे कि सपने वो होते है, जो सोने नहीं देते। जब साल 2002 में APJ अब्दुल कलाम भारत के राष्ट्रपति बने थे, तो उस समय सभी उनकी सादगी और सरलता से भरे चरित्र के कायल हो गए थे। कलाम साहब सभी से बहुत ही प्यार और लगाव रखते थे, इसलिए अपने लिए आए सभी चिठ्ठीयों का जवाब देते थे। उनके इस व्यवहार को देखते हुए उन्हें पीपुल्स प्रेजिडेंट भी कहा गया। इसके अलावा APJ अब्दुल कलाम के बारे में कहा जाता है कि वे राष्ट्रपति होते हुए भी आम आदमी की तरह जनता से मिलते थे।
सभी जानते हैं कि उन्हें ये सब कामयाबी विरासत में नहीं मिली थी, उन्होंने इसके लिए बहुत मेहनत की थी। इमली के बीज बीनकर उसे बेचने तक से लेकर के उन्होंने ट्रेन से अखबार बांटने तक का सारा काम किया है। यहां तक कि दूसरे विश्व युध्द के दौरान जब ट्रेन रमेंश्वरम स्टेशन पर नहीं रुकती थी चलती ट्रेन से अखबारों बंडल फैंके है। जब उन्होंने अपने पिता से रामेश्वरम के बाहर जाकर पढ़ने के लिए कहा तो उनके पिता जी ने उनके सपनों समझते हुए कहा-“हमारा प्यार तुम्हे बांधेगा नहीं और न हमारी जरुरते तुम्हें रोकेंगी, मैं जनता हूं तुम यहा अगर रुक भी गए तो इस जगह तुम्हारा सिर्फ शरीर रहेगा, लेकिन तुम्हारा यहां नहीं रहेगा।”
इसके अलावा कलाम साहब ने कभी भी अपने लिए या अपने परिवार के लिए कुछ भी बचाकर नहीं रखा था। राष्ट्रपति बनने के बाद उन्होंने अपनी सारी जमापूंजी और मिलने वाली सेलेरी एक ट्रस्ट के नाम कर दी। उनका कहना था की अब जब वो राष्ट्रपति बन गए हैं तो जब तक वो जिंदा हैं उनकी देखभाल करना सरकार का जिम्मेदारी है, तो फिर सेलेरी जमापूंजी का उनके जीवन में क्या काम।