मेहंदी हसन: बांग्लादेश क्रिकेट टीम ने घरेलू सरजमीं पर भारतीय टीम को तीन वनडे मुकाबलों की सीरीज के पहले मुकाबले में 1 विकेट से परास्त किया है। भारतीय टीम को जीत दर्ज करने के लिए इस मुकाबले में आखिरी में 1 विकेट की दरकार थी मगर टीम इंडिया के गेंदबाज और फील्ड ऐसा करने में नाकाम रहे।
मेजबान टीम के लिए मुकाबले में 11 नंबर पर बल्लेबाजी करने आए मुस्तफिजुर रहमान और मेहंदी हसन ने टीम को जीत की दहलीज तक पहुंचाया। बांग्लादेश की टीम को जीत के लिए 51 रनों की दरकार थी। ऐसे में सभी मान बैठे थे कि मेजबान टीम इस मुकाबले में हार का सामना करेगी।
बांग्लादेश की हार का अंदाजा लगाकर कुछ दर्शक स्टेडियम से पहले ही बाहर जा चुके थे। मगर बांग्लादेश के लिए मेहंदी हसन और मुस्तफिजुर रहमान ने शानदार पारियां खेलकर भारत को हरा दिया हरा दिया। मुकाबले में जीत हासिल करने वाली बांग्लादेश की टीम के मेहंदी हसन ने बड़ा बयान दिया है।
आखिरी विकेट बचने के बाद करो या मरो की स्थिति से जूझ रही थी बांग्लादेश
बांग्लादेश के मेहंदी हसन मीराज ने कहा, “हो सकता है कि लोग मुझे पागल कहें, लेकिन मुझे पूरा विश्वास था कि हम जीत सकते हैं। मैंने केवल मैच जीतने पर ध्यान लगाया। मैं खुद से कहता रहा कि मैं यह कर सकता हूं।
मैंने सोचा कि मैं इबादत के साथ 15 रन बनाऊंगा, हसन महमूद के साथ 20 रन और मुस्ताफिज के साथ शेष 15-20 रन, लेकिन दो विकेट गिरने के बाद आखिरी विकेट शेष रहने के कारण करो या मरो की स्थिति बन गई।”
मुस्तफिजुर ने कहा कुछ ऐसा कि जोश में आ गए मेहंदी
मेहंदी हसन ने अपने साथ बल्लेबाजी करने वाले मुस्तफिजुर रहमान से हुई बातचीत का खुलासा करते हुए कहा कि उन्होंने मुझसे कहा,’‘तुम मेरी चिंता मत करो। मैं अपने अंत तक गेंद को रोकूंगा। मैं शरीर पर गेंद लूंगा, लेकिन मैं आउट नहीं होऊंगा।”
यह बात तब हुई जब 41वें ओवर में उन्होंने कुलदीप सेन को दो छक्के जड़ दिए। मेहदी ने कहा- “अगर मैं सोचाता कि हम हार जाएंगे या बाकी रन नहीं बना पाएंगे, तो काम नहीं करता।” “यह निश्चित रूप से करो या मरो की स्थिति थी। हिट करने की कोशिश में आउट होने में कोई दिक्कत नहीं थी। जब हमें 50 रनों की जरूरत थी, तो मैंने चांस लिया और यह काम आया।”
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बल्लेबाजी के दौरान बढ़ा रहे थे हौसला
मेहंदी हसन ने मैच के बाद अपनी बातचीत में आगे कहा,”जब हमें 14 या 10 रनों की जरूरत थी, तब मैं उत्साहित हो गया। हमने कई करीबी मैच गंवाए हैं, लेकिन मुस्तफिजुर मुझे प्रोत्साहित करते रहे। उन्होंने मुझसे कहा, ‘जल्दी मत करो, छक्का मारने की कोशिश मत करो।
आप मैदान के साथ बल्लेबाजी करते हैं, हम रन बनाएंगे। मैं अपने गेम प्लान को लेकर बहुत स्पष्ट था। मुझे पता था कि मैं क्या करना चाहता हूं। मुझे लगता है कि इससे भी मदद मिली।”
गौरतलब है कि तीन वनडे मुकाबलों की सीरीज का पहला मुकाबला बांग्लादेश की टीम ने 1 विकेट से अपने नाम करते हुए सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली है। पहले मुकाबले में बांग्लादेश के लिए शाकिब अल हसन ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 5 विकेट लेने के साथ 29 रनों का योगदान दिया था।
उनके अलावा इबादत हुसैन ने भी चार विकेट लिए थे। दूसरी तरफ मेहंदी हसन मीराज और रहमान ने आखिरी विकेट के लिए शानदार साझेदारी करते हुए टीम को जीत की दहलीज तक पहुंचाया था। सीरीज का अगला मुकाबला 7 दिसंबर को ढाका में ही खेला जाएगा।
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