राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता और पूर्व सांसद डीपी त्रिपाठी का लंबी बीमारी के बाद निध’न हो गया। वे 67 साल के थे। बात अगर डीपी त्रिपाठी के राजनीतिक करियर को लेकर करें तो उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में जन्में डीपी त्रिपाठी की राजनीतिक करियर कांग्रेस से हुई। हालांकि बाद वे सोनिया गांधी का विरोध करते हुए कांग्रेस पार्टी को अलविदा कह दिया और बाद में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को ज्वाइन कर लिया।
उनके निध’न की दुखद खबर एनसीपी की नेता सु्प्रिया सुले ने अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए कहा कि, “डीपी त्रिपाठी के निध’न के बारे में सुनकर गहरा दुःख हुआ। वो एनसीपी के महासचिव थे। हम सभी के मार्गदर्शक और संरक्षक थे। हम उनके परामर्श और मार्गदर्शन को याद करेंगे, जो उन्होंने उस दिन से दिया था, जिस दिन एनसीपी की स्थापना हुई थी। उनकी आत्मा को शांति मिले।”
https://twitter.com/supriya_sule/status/1212607993285693442
जानकारी के लिए आपको बता दें, बीते साल राज्यसभा से डीपी त्रिपाठी का कार्यकाल समाप्त हो गया था। इस दौरान उन्होंने अपने विदाई भाषण के दौरान से’क्स के मुद्दा उठाते हुए बोला था कि, ” आज तक कभी भी इस मुद्दे पर संसद में चर्चा नहीं हुई, जबकि गांधी जी और लोहिया ने भी इस पर बात की थी। यह सच है कि से’क्स से जुड़ी बीमारियों के चलते मौ’तें होती हैं, लेकिन कभी इस पर बात नहीं हुई।
अपनी बात को जारी रखते हुए डीपी त्रिपाठी ने कहा था कि, “जिस देश में का’मसूत्र जैसी पुस्तक लिखी गई हो।उस देश की संसद में इस मुद्दे पर कभी बात नहीं की गई। इस पुस्तक को लिखने वाले वात्स्यायन को ऋषि का दर्जा प्राप्त था। अजंता-अलोरा की गुफाएं और खजुराहो के स्मारक इसी पर समर्पित हैं, लेकिन कभी संसद तक में यह मसला नहीं उठा।”